भारत के म्यूचुअल फंड निवेश का आधा हिस्सा सिर्फ 5 शहरों से आता है। एसेट मैनेजमेंट फर्म अबाकस की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और कोलकाता वे टॉप पांच शहर हैं, जो भारत में म्यूचुअल फंड निवेश में लगभग 50 फीसदी का योगदान करते हैं। रिपोर्ट द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के लगभग 27.29 फीसदी के साथ मुंबई पहले स्थान पर आता है। इस शहर का कुल एयूएम 18.92 लाख करोड़ रुपये है।
68 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा AUM
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली 8.5 लाख करोड़ रुपये के कुल एयूएम या 12.25 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। बेंगलुरु 3.8 लाख करोड़ रुपये या म्यूचुअल फंड में कुल निवेश के 5.48 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, पुणे का हिस्सा 2.7 लाख करोड़ रुपये या 3.9 प्रतिशत है। वहीं, कोलकाता म्यूचुअल फंड में 2.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश या कुल एयूएम के 3.48 प्रतिशत के साथ लिस्ट में पांचवें स्थान पर है। भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2024 में नई ऊंचाइयों को छुआ। इसने एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के मामले में 68 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया है।
2024 में हुई शानदार ग्रोथ
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम नवंबर 2024 तक 2024 में 68 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। दिसंबर 2023 में एयूएम 50.78 लाख करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि इस अवधि में एयूएम में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अधिकतम वृद्धि इक्विटी म्यूचुअल फंड में हुई। इक्विटी म्यूचुअल फंड एयूएम 30.5 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह यह कुल एयूएम का 45 प्रतिशत रहा।
18 महीने में हो गया दोगुना
एक दशक पहले भारतीय इक्विटी म्यूचुअल फंड एयूएम केवल 1.9 लाख करोड़ रुपये था। अगस्त 2023 में एयूएम पहली बार 30 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। इससे पता चलता है कि एयूएम 18 महीनों से भी कम समय में दोगुने से अधिक हो गया है। एसआईपी एयूएम नवंबर 2024 में 13.54 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। एसआईपी खाते भी नवंबर 2024 में 10.23 करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए, जो सितंबर 2024 में 10.12 करोड़ थे। मंथली एसआईपी इनफ्लो में साल-दर-साल 48 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ देखी गई, जो नवंबर 2023 में 17,073 करोड़ रुपये से बढ़कर नवंबर 2024 में 25,320 करोड़ रुपये हो गई। एसआईपी भारतीय खुदरा निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन का एक आधारस्तंभ बन गया है। लेकिन बाजारों में गिरावट के साथ, इक्विटी म्यूचुअल फंड ने पिछले नौ महीनों में 20 प्रतिशत तक की कमी देखी है।
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