उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के एक गांव में चार साल की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया है. पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनकी बेटी 16 अप्रैल को गांव में एक तिलक समारोह में शामिल होने गई थी.
गौरीगंज थाने के एसएचओ श्याम नारायण पांडे ने बताया, ‘वहां उसी गांव के 14 वर्षीय लड़के ने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया. पिता ने 18 अप्रैल की शाम को पीड़िता को थाने लाकर पुलिस को घटना की सूचना दी.’ एसएचओ ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और आरोपी किशोर को गिरफ्तार कर लिया, जिसे सुधार गृह भेज दिया गया है.
उन्होंने बताया, ‘आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.’
अगर कोई व्यक्ति किसी नाबालिग के साथ बलात्कार के जुर्म में पकड़ा जाता है तो उसे POCSO के तहत सजा मिलती है. POCSO का पूरा नाम है Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012. यह भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक विशेष कानून है, जिसका मकसद है बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा देना.
POCSO एक्ट के मुख्य बिंदु
बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून
यह कानून 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न, और अश्लीलता से बचाने के लिए बनाया गया है.
सभी तरह के यौन अपराध शामिल
यौन शोषण (sexual assault)
बलात्कार (penetrative sexual assault)
यौन उत्पीड़न (sexual harassment)
बच्चों को अश्लील सामग्री दिखाना या भेजना
लिंग-निरपेक्ष कानून (Gender-Neutral)
इसका मतलब है कि पीड़ित (victim) चाहे लड़का हो या लड़की, दोनों को समान सुरक्षा दी जाती है.
कड़ी सजा और जल्दी सुनवाई
दोषी पाए जाने पर 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
मामलों की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होती है ताकि फैसला जल्दी हो.
बच्चों के हितों की रक्षा के प्रावधान
बच्चे का नाम या पहचान मीडिया में उजागर करना अपराध है.
बयान देने के दौरान बच्चे को सुरक्षित और सहज माहौल देने की व्यवस्था होती है.
किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है
अगर किसी को शक भी हो कि कोई बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है, तो वह पुलिस में रिपोर्ट कर सकता है.