<p style="text-align: justify;"><strong>Parliament Session:</strong> संसद में बजट सत्र के दौरान सोमवार (10 मार्च, 2025) को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली. सदन में हिंदी थोपने के मामले को लेकर डीएमके सांसद के बयान पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें जमकर फटकार लगाई.</p>
<p style="text-align: justify;">लोकसभा स्पीकर ने कहा, ‘द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद दयानिधि मारन ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है अगर दोबारा फिर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया तो उन्हें सदन से सस्पेंड कर दिया जाएगा’.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दयानिधि मारन को स्पीकर ने लगाई फटकार</strong><br />ओम बिरला ने दयानिधि मारन से कहा,’मैंने आपको समय दिया. मैंने मंत्री को बोलने दिया. यह सही तरीका नहीं है आप कृपया सीट पर बैठ जाएं. माननीय सदस्य और बोलते समय सावधान रहें. मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप यह बात रिकॉर्ड पर कहें, मैं आपको सदन से बाहर कर दूंगा’.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कनिमोझी ने धर्मेंद प्रधान के बयान पर जताई आपत्ति</strong><br />लोकसभा में सोमवार को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) और हिंदी भाषा थोपने के मामले को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली. इसके बाद 12 बजे तक के लिए लोकसभा को स्थगित कर दिया गया, दोबारा सदन शुरू होने पर डीएमके नेता कनिमोझी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान के असभ्य शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>धर्मेंद्र प्रधान ने वापस लिए अपने शब्द</strong><br />कनिमोझी की नाराजगी के बाद धर्मेंद्र प्रधान खड़े हुए और उन्‍होंने कहा, ‘सम्मानीय साथी और मेरी बहन कनिमोझी ने 2 मुद्दे उठाए हैं. मुझे ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए था. जनता के मामले और इस मुद्दे को आपस में नहीं मिलाना चाहिए और अगर मेरे शब्दों से किसी को दुख हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं कनिमोझी जी बैठ जाएं मैं ये जानता हूं कि आप मेरी बात को सुन रही हैं’.</p>
<p style="text-align: justify;">केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई मुद्दों पर हमारे बीच सहमति भी बनी थी. अब आप इस तरह से ऊंची आवाज में बात मत करें. सच्चाई को सुनने की हिम्मत होना चाहिए. गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी सरकारों को लाभ मिल रहा है’. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमने उस शब्द को संसद की कार्यवाही से हटा दिया है.</p>
<p style="text-align: justify;">धर्मेंद प्रधान के बयान के बाद दयानिधि मारन समेत डीएमके सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया. बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक आयोजित किया गया. दूसरा चरण 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कुल 20 बैठकें निर्धारित हैं.</p>
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'दोबारा ऐसा किया तो सस्पेंड कर दूंगा', डीएमके सांसद दयानिधि मारन पर क्यों भड़के स्पीकर ओम बिरला?
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