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<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">वक्फ संशोधन बिल अब कानून बन चुका है, लेकिन कुछ राज्य इसको अपने यहां लागू करने से इंकार कर रहे हैं. इस बिल को लेकर विपक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वक्फ बिल में महिलाओं, विधवा और अनाथ का पूरा ध्यान रखा गया है. नए बिल के अनुसार अगर कोई शख्स अपनी जायदाद या संपत्ति वक्फ को दान करना चाहता है तो बिल्कुल कर सकता है, लेकिन दान से पहले उसको अपने परिवार की महिलाओं को हिस्सा देना होगा. इसके अलावा इस्लाम में दान की प्रक्रिया में एक और अहम टर्म है, जिसका नाम है वक्फ-अलल-औलाद. चलिए जानते हैं कि आखिर यह क्या है. </span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वक्फ-अलल-औलाद क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">वक्फ-अलल-औलाद सदियों से धन को संरक्षित करने और धर्म के कार्यों में समर्थन करने में महत्वपूर्णं भूमिका निभा रहा है. वक्फ-अलल-औलाद का अर्थ होता है ‘परिवार के लिए वक्फ’. ये भी वक्फ का ही एक प्रकार है, जिसमें कोई मुस्लिम शख्स अपनी संपत्ति को अपने परिवार के सदस्यों, बच्चों और नाती-पोतों को लाभ के लिए दान कर देता है. इसका मकसद होता है कि परिवार की आर्थिक सुरक्षा और जिम्मेदारी को सुनिश्चित करना. जैसे कि अगर कोई खेती की जमीन है तो उससे परिवार की कमाई होती रहे, या फिर उनके पास किराया आता रहे. </span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दुरुपयोग करते थे लोग</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">इसके अलावा दानकर्ता वक्फ डीड में आय का एक हिस्सा धार्मिक कार्यों के लिए आवंटन करने का प्रावधान भी शामिल कर सकता है. यह हनफी इस्लामिक कानून से आता है और भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत यह मान्य है. वक्फ अलल औलाद का कई बार लोग दुरुपयोग भी करते रहे हैं. ये लोग अपने परिवार की महिलाओं को उनके अधिकार से वंचति करके सारी संपत्ति वक्फ को दान कर देते थे और महिलाओं के पास कुछ नहीं बचता था.</span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वक्फ-अलल-औलाद में क्यों हुआ संशोधन</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">नए वक्फ बिल में वक्फ अलल औलाद को लेकर कुछ प्रावधान किए गए हैं, ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके और महिलाओं व कमजोर वर्ग की आर्थिक रूप से सुरक्षा की जा सके. नए बिल के अनुसार किसी संपत्ति को वक्फ-अलल-औलाद बनाने से पहले उसमें से महिलाओं जैसे कि पत्नी, विधवा, बेटियों या अनाथ को उनकी विरासत का हिस्सा देना जरूरी होगा. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि अगर किसी शख्स की 10 लाख की संपत्ति है और वह उसे वक्फ-अलल-औलाद में देना चाहता है तो पहले उसकी बेटी को मान लें 2 लाख देना अनिवार्य होगा. इसके बाद 8 लाख का वक्फ बनेगा.</span></p>
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वक्फ तो जान गए होंगे, लेकिन क्या है 'वक्फ अलल औलाद'? जान लीजिए इसका काम
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