सीएफए वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट वैभव जैन4 घंटे पहले
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वित्त वर्ष 2025 की क्लोजिंग को अब 30 दिन ही बचे हैं। यह एक महीने टैक्सपेयर्स और निवेशकों के लिए लिए बेहद अहम है। वे ऐसी रणनीतियां अपनाएं जो उनके टैक्स दायित्व को कम करने में मदद कर सकें। टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग ऐसा ही एक कानूनी तरीका है, जो आपको अपने कैपिटल गेन टैक्स को कम करने और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट रिटर्न को अधिकतम करने की अनुमति देता है। उनका उपयोग करें। ये कैसे काम करता हैं? इसे समझते हैं…
टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग क्या है? ये पोर्टफोलियो में निगेटिव होल्डिंग वाले स्टॉक्स को बेचकर शॉर्ट या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को एडजस्ट करने की बेहद कारगर प्रक्रिया है। ऐसा करके आप टैक्सेबल इनकम कम कर सकते हैं। मान लीजिए, आपने किसी निवेश पर नुकसान उठाया है, लेकिन उसी वित्त वर्ष में दूसरे निवेश पर प्रॉफिट बुक किया है तो आप नुकसान को प्रॉफिट के एवज में एडजस्ट कर सकते हैं।
कैपिटल गेन व इसके टैक्स नियम क्या हैं? इक्विटी निवेश यदि 12 महीने से कम समय के लिए है तो उस पर 20% का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। एक साल से अधिक के निवेश पर 1.25 लाख तक प्रॉफिट टैक्स फ्री है। इससे ऊपर की राशि पर 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लगता है। हालांकि डेट फंड से होने वाले लाभ पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है, चाहे होल्डिंग अवधि कुछ भी हो।
टैक्स लॉस हॉर्वेस्टिंग कैसे अपनाएं? याद रखें… शॉर्ट टर्म नुकसान को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के प्रॉफिट से एडजस्ट किया जा सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेश पर नुकसान को केवल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से ही एडजस्ट किया जा सकता हैं। यदि आपके पास शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है तो उन निवेशों की तलाश करें जो नुकसान में हैं और टैक्सेबल प्रॉफिट को एडजस्ट करने के लिए उन्हें बेचने पर विचार करें।
मान लीजिए आपने ₹5 हजार रु. के भाव में 100 स्टॉक खरीदे, लेकिन कीमत गिरकर ₹4 हजार हो गई। यानी एक लाख रुपए का नुकसान हुआ। यदि दूसरे स्टॉक्स से ₹1 लाख का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है, तो आप इस नुकसान के जरिए 20% शॉर्ट टर्म कैपिटल टैक्स को बचा सकते हैं। मार्केट में हाल में करेक्शन आया है, जिससे आपकी कुछ होल्डिंग नुकसान में हो सकती हैं।
31 मार्च से पहले क्या करना चाहिए?
- पोर्टफोलियो का रिव्यू करें: लाभ व घाटे वाले निवेश की पहचान करें। लाभ को समायोजित करने के लिए नुकसान वाली एसेट्स बेचें। टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को बुक करें। यदि आपका नुकसान लाभ से अधिक है, तो उन्हें आगे बढ़ाएं। आप भविष्य के लाभों को समायोजित करने के लिए 8 साल तक कैपिटल लॉस को आगे बढ़ा सकते हैं। इसमें किस तरह की सावधानी बरतें?
- फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट नियम: जब आप शेयर बेचते हैं, तो सबसे पुरानी खरीदारी पहले बेची जाती है। अनावश्यक शॉर्ट टर्म टैक्स देयता से बचने के लिए बेचने से पहले हमेशा अपनी होल्डिंग अवधि की जांच करें।
- एसआईपी निवेशक अलर्ट रहें: एसआईपी से निवेश किया है, तो केवल 12 महीने से अधिक पुरानी यूनिट्स लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के योग्य होंगी। आप प्रॉफिट में हैं और एक बार में सभी यूनिट्स बेचते हैं, तो कुछ पर 20% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग सकता है।
- ब्रोकरेज शुल्क और एसटीटी: हर बार जब आप स्टॉक खरीदते या बेचते हैं, तो एक छोटा ब्रोकरेज शुल्क और एसटीटी लागू होता है। लेकिन यह टैक्स हार्वेस्टिंग से होने वाले लाभ की तुलना में बेहद मामूली होता है।
इन दो उदाहरण से समझिए, टैक्स हार्वेस्टिंग कैसे टैक्स कम करती है
- पहला सेनेरियो: टैक्स हार्वेस्टिंग से निवेशकों को लॉन्गटर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) पर टैक्स कम करने में मदद मिल सकती है। मान लीजिए कि रमेश ने जनवरी 2024 में किसी कंपनी के 100 शेयर 5 हजार प्रति शेयर के भाव पर खरीदे। यानी कुल 5 लाख का निवेश किया। फरवरी 2025 में भाव 6,250 हो गया। इससे 1.25 लाख का फायदा हुआ। मार्च 2026 में भाव 7500 हो गया था और निवेश पर कुल फायदा 2.5 लाख हो गया। प्रॉफिट बुक करने पर 15,625 रुपए टैक्स लगेगा।
- दूसरा सेनेरियो: राजू ने जनवरी 2024 में 5 हजार/शेयर के भाव पर 100 शेयर खरीदे। फरवरी 2025 में भाव 6,250 हो गए। राजू ने अपनी होल्डिंग बेच दी और 1.25 लाख का फायदा हुआ। कोई टैक्स नहीं बना। राजू का मानना है कि यह शेयर आगे भी अच्छा रिटर्न देगा। उसने फिर इस स्टॉक को खरीद लिया। मार्च 2026 में यह शेयर 7,500 का हो गया। इससे 1.25 लाख का प्रॉफिट हुआ। राजू ने फिर यही रणनीति अपनाई और निवेश को टैक्स फ्री कर लिया और सेनेरियो-1 की तुलना में 15,625 रुपए बचा लिए।