13 घंटे पहले
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देश में 2 मार्च से रमज़ान का महीना शुरू हो चुका है। इस बीच सोशल मीडिया पर तरबूज में इंजेक्शन के जरिए केमिकल मिलाने और कृत्रिम रूप से तरबूज का लाल रंग बढ़ाने के दावे से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। हालांकि, फैक्ट चेक वेबसाइट बूम ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत और भ्रामक पाया है।
- बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा है यह वीडियो स्क्रिप्टेड है। वीडियो को The Social Junction नामक यूट्यूब चैनल ने बनाया था। इसके पीछे चैनल का उद्देश्य लोगों को खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करना था।
- वायरल वीडियो में तरबूज, दवा और इंजेक्शन के साथ एक युवक को देखा जा सकता है। यह युवक एक केमिकल को पानी में मिलाकर लाल रंग बना रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर Team Rising Falcons नामक हैंडल ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- रमजान में मुसलमानों की जान बचाएं, इस वीडियो को शेयर कर नेकी कमाएं!! रमजान में इफ़्तारी की करते हुए खरीददारी आपकी एक गलती से हो सकती है सभी की छुट्टी। (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट :
वहीं, मजहर खान नामक एक्स यूजर ने भी वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए यही दावा किया। (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
क्या है वायरल वीडियो का सच ?
वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान फैक्ट चेक वेबसाइट बूम को इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के जरिए पता चला कि The Social Junction नामक यूट्यूब चैनल ने लोगों को खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह वीडियो बनाया था।
जांच में सामने आया कि यह वीडियो The Social Junction नामक यूट्यूब चैनल पर 10 मई 2024 को अपलोड किया गया था। वहीं, इस वीडियो की शुरुआत में ऐसा कोई वॉइस ओवर सुनाई नहीं दिया जो वायरल फुटेज में है। इससे यह भी स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में अलग से आवाज जोड़कर सांप्रदायिक दावा किया गया है।
देखें वीडियो :
वहीं, वीडियो क्रिएटर द्वारा ओरिजिनल वीडियो में 28वें सेकंड पर एक डिस्क्लेमर भी दिया गया है। इसमें लिखा है, ‘यह वीडियो पूरी तरह काल्पनिक है, वीडियो में दिखाई गई सभी घटनाएं स्क्रिप्टेड हैं और वीडियो को केवल जागरूकता के उद्देश्य से बनाया गया है’।
- स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर रमजान के मौके पर तरबूज में केमिकल मिलाकर बेचने का दावा गलत है।
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यह आर्टिकल मूल रूप से BOOM द्वारा प्रकाशित किया गया था {मूल आर्टिकल का लिंक}। शक्ति कलेक्टिव के तहत दैनिक भास्कर द्वारा इसे पुनः प्रकाशित किया गया है।