Former CM Government Bungalow: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में सियासी उठा-पटक खूब चली है. केजरीवाल पर लगे शराब घोटाले के आरोपों के बाद उनको जेल में रहना पड़ा और तभी से ये कयास लग रहे थे कि आखिर वो अपनी गद्दी किसको सौंपेंगे. लेकिन बाद में जब उन्होंने इस्तीफा दिया तब ये तय हो गया कि अब वो अपने किसी विश्वासपात्र को ही ये गद्दी सौंपेंगे. यही वजह रही कि इसके बाद आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक में आतिशी मार्लेना को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया था.
क्या केजरीवाल और आतिशी को अब मिलेगा सरकारी बंगला
शराब घोटाले में केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया का भी नाम आया था. ऐसे में जब वो जेल चले गए तो लगभग सभी मंत्रालय आतिशी के पास आ गए थे. दोनों की अनुपस्थिति में आतिशी दिल्ली का चेहरा बन गई थीं. वो पार्टी के काम के साथ-साथ केजरीवाल का सपोर्ट करते हुए बीजेपी को मुखर होकर जवाब भी दे रही थीं. अब हाल ही में जब दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव हुए तो इसके बाद आए नतीजों में राजधानी की सीएम बन गईं रेखा गुप्ता. जिससे आतिशी को इस्तीफा देना पड़ा. अब सवाल ये उठता है कि क्या केजरीवाल और आतिशी को दिल्ली के पूर्व सीएम होने के नाते सरकारी आवास मिलेगा या नहीं.
राघव चड्ढा ने उठाया था सरकारी आवास मिलने का मुद्दा
सरकारी आवास मिलने और न मिलने का जवाब है नहीं, दोनों को ही अब सरकारी आवास नहीं मिल पाएगा. अब आप सोच रहे होंगे कि जब केजरीवाल को पूर्व सीएम होने के नाते सरकारी आवास मिलने की बात उठी थी, तब तो राघव चड्ढा ने कहा था कि चुनाव आयोग के नियम के अनुसार राजधानी दिल्ली में एक कार्यालय और पार्टी के राष्ट्रीस संयोजक को एक सरकारी बंगला मिलना चाहिए. लेकिन इस पर नियम कुछ और कहते हैं.
क्या कहता है नियम
दरअसल न तो केजरीवाल और न ही आतिशी अब सरकारी बंगले के हकदार हैं. क्योंकि साल 2018 में मई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्यमंत्रियों को पद छोड़ने के बाद सरकारी बंगला नहीं मिल सकता है. उनके साथ आम नागरिकों जैसा ही व्यवहार होना चाहिए. लेकिन अगर किसी राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष और संयोजक के पास अगर दिल्ली में खुद का या सरकार द्वारा दिया गया कोई आवास नहीं है तब वो सरकारी आवास का हकदार होता है. लेकिन साल 2023 में चुनाव आयोग की ओर से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था.