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Misophonia Symptoms: आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगों को दरवाजे को बंद करने पर चर्र से आती हुई आवाज या फिर कुर्सी खींचने पर आने वाली आवाज से बहुत चिढ़न होती है. ऐसी आवाजें सुनने पर कुछ लोगों को अजीब सा चिड़चिड़ापन होने लगता है. चलता हुआ पंखा, कुछ घिसना, चाय पीने की सुड़सुड़ाहट ये कुछ ऐसी आवाजें हैं, जो कि अक्सर लोगों को पसंद नहीं आती हैं. इनको सुनकर वो अजीब सी हरकत करने लगते हैं, या फिर वहां से भाग जाने का मन करता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है, चलिए जानें.
किस तरह से रिएक्ट करते हैं लोग
अक्सर लोग इस तरह की आवाजों से इरिटेट होते हैं, लेकिन ये किसी की आदत नहीं बल्कि मिसोफोनिया का लक्षण है. दरअसल मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है. इस डिसऑर्डर में जिस शख्स को इस तरह के लक्षण होते हैं, उसका ब्रेन एबनॉर्मलिटी का लक्षण होता है. इस तरह की आवाजों को दिमाग तुरंत कैच कर लेता है और फिर इंसान का फोकस उस चीज पर नहीं हो पाता है और वह आवाज चुभने लगती है. ज्यादातर लोगों में इस तरह की चीजें देखने को मिलती हैं. चलिए जानें कि इसके लक्षण क्या हैं.
क्या होते हैं इसके लक्षण
इस डिसऑर्डर में किसी के सांस लेने की आवाज, पेन क्लिक की आवाज, दरवाजे के चर्र की आवाज, कुर्सी खिसकाने की आवाज, ब्लैक बोर्ड पर चॉक घिसने की आवाज, कुछ निगलने की आवाज, घड़ी की सुई की आवाज, उंगलियां चटकाने की आवाज जैसे लक्षण होते हैं. इन आवाजों के कारण मिसोफोनिया से ग्रस्त शख्स को गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने लगता है.
क्या है इसका इलाज
इसका इलाज बिहेवियरल थेरेपी, टिन्नीटस से मिसोफोनिया के मरीज का इलाज किया जाता है. इसके अलावा इस बीमारी में साइकोलॉजिस्ट बिहेवियर में बदलाव और लाइफस्टाइल में बदलाव का सुझाव देते हैं. इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज और पोषक आहार के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है.
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