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36 मिनट पहले
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अमेरिका में भारतीय मूल की सरिता रामाराजू (48) पर अपने 11 वर्षीय बेटे यतिन रामाराजू की हत्या का आरोप लगा है। उन्होंने कैलिफोर्निया के सांता एना में बेटे के साथ तीन दिन डिज्नीलैंड में बिताने के बाद, 19 मार्च को मोटल के कमरे में उसका गला रेत दिया।
हत्या के बाद उन्होंने 911 पर कॉल कर खुदकुशी की कोशिश की जानकारी दी। पुलिस को मौके से एक बड़ा किचन चाकू मिला, जिसे हत्या से एक दिन पहले खरीदा गया था। सरिता और उनके पूर्व पति प्रकाश राजू के बीच बेटे की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा था।
2018 में तलाक के बाद बेटे की कस्टडी पिता को मिली थी, जबकि सरिता को मुलाकात का अधिकार था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरिता चाहती थीं कि बेटा उनके साथ वर्जीनिया में रहे, लेकिन कोर्ट ने ऐसा नहीं किया। ऑरेंज काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के मुताबिक, अगर सरिता पर लगे सभी आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें 26 से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
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अफगानिस्तान का दावा- अमेरिका ने तालिबान लीडर हक्कानी पर से 10 मिलियन डॉलर का इनाम हटाया

अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि अमेरिका ने तालिबान नेता और गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी पर से 10 मिलियन डॉलर का इनाम हटा दिया है। हालांकि इस पर अभी तक अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई जानकारी नही दी गई है।
अमेरिका ने 2010 में उसकी गिरफ्तारी से जुड़ी सूचना देने पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था।अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की बेवसाइट पर अभी वांटेड की लिस्ट में हक्कानी का नाम शामिल है।
सिराजुद्दीन हक्कानी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय कुख्यात हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है, जिसे अमेरिका ने 2012 में एक आतंकी संगठन घोषित किया था। हक्कानी को 2008 में काबुल के एक होटल पर हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
तालिबान के 2021 में सत्ता में लौटने के बाद, हक्कानी को अफगानिस्तान का कार्यवाहक आंतरिक मंत्री बनाया गया।
UNICEF ने तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर लगे प्रतिबंध हटाने की अपील की, कहा- भविष्य खतरे में

संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी UNICEF ने अफगानिस्तान में तालिबान से लड़कियों की शिक्षा पर लगे बैन को हटाने की अपील की है। एजेंसी ने शनिवार को कहा कि 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद लाखों लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं।
UNICEF के मुताबिक बैन की वजह से इस साल 4 लाख लड़कियां स्कूल नहीं जा सकी। इससे शिक्षा से वंचित लड़कियों की संख्या 22 लाख हो गई है। अफगानिस्तान में लड़कियों की माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर पाबंदी है।
UNICEF की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल के मुताबिक इस प्रतिबंध के चलते महिला डॉक्टरों और दाइयों की संख्या में भारी गिरावट होगी, जिससे लाखों महिलाओं को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाएंगी। उनका अनुमान है कि इससे 1,600 माताओं और 3,500 नवजात शिशुओं की जान जा सकती है।