Tahawwur Rana Extradition: मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमलों में आरोपी तहव्वुर राणा भारत लाया जा चुका है. पालम एयरपोर्ट पर उतरते ही NIA ने यूएपीए के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट ले जाया गया. तहव्वुर राणा को इसके बाद NIA मुख्यालय ले जाए जाने की संभावना है. इस दौरान पुलिस से लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. बता दें, भारत सरकार के लंबे संघर्ष के बाद अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा के भारत को प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी.
अब सवाल यह है कि जिस तरह भारत सरकार तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण करवाने में कामयाब रही, क्या उसी तरह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को भारत लाया जा सकता है? दरअसल, दाऊद इब्राहिम भारत में कई मामलों में आरोपी है. कहा जाता है कि वह पाकिस्तान में कहीं छिपा बैठा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दाऊद इब्राहिम को भारत लाने और उस पर केस चलाने में क्या चुनौतियां हैं?
दाऊद जिंदा भी है या नहीं?
सबसे पहली बात तो यह है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. कई बार ऐसी खबरें सामने आ चुकी हैं कि दाऊद इब्राहिम की मौत हो चुकी है. 2023 में भी उसे जहर दिए जाने की खबरें सामने आई थीं, हालांकि इन खबरों की कभी पुष्टि नहीं हुई. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि दाऊद इब्राहिम इस समय जिंदा है या नहीं, क्योंकि न तो उसके बारे में कोई जानकारी सामने आती है और न ही उसकी कोई तस्वीर.
कहां है दाऊद ये सिर्फ कयासों की बात
दाऊद इब्राहिम कहां है और इस समय क्या कर रहा है, इसकी भी सटीक जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के पास नहीं है. हालांकि, माना यही जाता है कि दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने शरण दे रखी है और वह किसी खास लोकेशन में छिपा हुआ है. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने कभी यह माना ही नहीं कि दाऊद इब्राहिम उसकी सरजमीं पर है. पाकिस्तान यह जानता है कि दाऊद इब्राहिम अगर उसकी धरती पर पकड़ा जाता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी किरकिरी होगी. कुछ साल पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत को जानकारी है कि दाऊद पाकिस्तान में रहता है, लेकिन वहां की सरकार ने उसे सुरक्षा दे रखी है. अगर कोई राज्य दूसरे राज्य के खिलाफ किसी को प्रोटेक्शन देता है तो उस पर कार्रवाई करना आसान नहीं होता है. हालांकि, डोभाल ने यह भी कहा था कि दाऊद पाकिस्तान में जिन ठिकानों पर पहले रहता था, अब वहां नहीं है. अब वह अपने ठिकाने बदलते रहता है.
पाकिस्तान के साथ प्रत्यपर्ण संधि नहीं…
दाऊद इब्राहिम के प्रत्यपर्ण में सबसे बड़ी बाधा यह भी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है. अगर पाकिस्तान यह मान भी लेता है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में तो भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने पर वह उसे भारत के हवाले करने से इनकार कर सकता है. बता दें, भारत ने जब लश्कर-एक तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की थी, तब भी पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि न होने का हवाला दिया था. हालांकि, अगर वह पाकिस्तान की सीमा के बाहर गिरफ्तार किया जाता है तो उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
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