OpenAI ने अपने मशहूर Deep Research टूल का हल्का और फ्री वर्ज़न लॉन्च किया है, जिसे अब ChatGPT के सभी यूज़र्स, चाहे वो फ्री हों या Plus, Team, Pro इस्तेमाल कर सकते हैं. कंपनी ने बताया कि यह लाइटवेट वर्ज़न o4-mini मॉडल पर आधारित है और इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह कम संसाधन इस्तेमाल करे और ज्यादा यूज़र्स को एक्सेस मिल सके.
क्या है Deep Research टूल?
OpenAI ने इस साल की शुरुआत में Deep Research टूल लॉन्च किया था. यह टूल खासतौर पर इंटरनेट पर रिसर्च करने, जानकारी इकट्ठा करने और उसे अच्छी तरह से समझकर रिपोर्ट तैयार करने के लिए बनाया गया है. GPT-4o जहां तेज बातचीत के लिए है, वहीं Deep Research उन कामों के लिए है जिनमें ज्यादा सोच-विचार और फैक्ट चेकिंग की जरूरत होती है.
यूजर अगर किसी विषय पर जैसे कि प्रोडक्ट कंपैरिजन या मार्केट ओवरव्यू पूछते हैं, तो यह टूल इंटरनेट पर सर्च करता है, जानकारी इकट्ठा करता है और एक व्यवस्थित रिपोर्ट तैयार करता है. पूरा प्रोसेस थोड़ा समय लेता है करीब 5 से 30 मिनट तक, लेकिन इसमें यूजर को रिसर्च के स्टेप्स और इस्तेमाल किए गए स्रोतों की जानकारी भी मिलती है.
क्या कर सकता है इसका हल्का वर्जन?
नया लाइटवेट वर्जन भी इंटरनेट पर सर्च और रिसर्च कर सकता है, लेकिन इसकी क्षमताएं थोड़ी सीमित हैं. हालांकि OpenAI का कहना है कि यह वर्जन भी काफी हद तक समझदार है और कम खर्च में अच्छा आउटपुट देता है. इस वर्ज़न के जवाब थोड़े छोटे होंगे, लेकिन जानकारी से भरपूर होंगे.
कैसे करें इस्तेमाल?
ChatGPT में मैसेज कंपोजर में जाकर ‘Deep Research’ सलेक्ट करें और अपना सवाल टाइप करें. आप चाहें तो एक्स्ट्रा जानकारी देने के लिए कोई फाइल (जैसे PDF या स्प्रेडशीट) भी अपलोड कर सकते हैं.
OpenAI आगे चलकर इसमें चार्ट और डेटा विजुअलाइजेशन जैसे फीचर भी जोड़ने वाला है, जिससे रिपोर्ट और भी आसान हो जाएंगी.
कितना कर सकते हैं इस्तेमाल?
OpenAI ने Deep Research के लिए मंथली लिमिट भी तय की है:
– Free यूज़र्स – महीने में 5 बार Deep Research इस्तेमाल कर सकते हैं
– Plus, Team, Enterprise और Education यूज़र्स – महीने में 25 बार
– Pro यूजर्स – महीने में 250 बार
अगर यूज़र अपनी लिमिट पूरी कर लेते हैं, तो सिस्टम अपने-आप हल्के वर्ज़न पर स्विच हो जाएगा, ताकि रिसर्च का काम रुके नहीं. Education और Enterprise यूजर्स को हल्के वर्ज़न की सुविधा अगले हफ्ते से मिलने लगेगी. OpenAI का यह कदम रिसर्च टूल को और अधिक सुलभ और यूज़र-फ्रेंडली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.