Manus AI Assistant: चीन में एक नया शक्तिशाली AI टूल ‘Manus’ सुर्खियों में है. इस नए AI एजेंट को एक साधारण चैटबॉट से अधिक मददगार माना जा रहा है. यह शेयर बाजार का विश्लेषण करने से लेकर यात्राओं के लिए व्यक्तिगत गाइडबुक बनाने जैसे कई कार्यों में सक्षम है. आइए जानते हैं विस्तार से.
कैसे काम करता है Manus
Manus को हाल ही में चीनी स्टार्टअप Butterfly Effect ने लॉन्च किया. इसके सह-संस्थापक यिचाओ “पीक” जी ने इसे “मनुष्य और मशीन के सहयोग का नया युग” बताया और इसे आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना.
फिलहाल यह AI टूल केवल इनवाइट के माध्यम से उपलब्ध है लेकिन इसके बावजूद इसका आधिकारिक Discord सर्वर 1.7 लाख से अधिक सदस्यों तक पहुंच चुका है. इसके नाम का मूल लैटिन “Mens et Manus” से लिया गया है जिसका अर्थ है “मन और हाथ”, जो ज्ञान और व्यावहारिक उपयोग के संयोजन का प्रतीक है.
अन्य AI टूल्स से अलग कैसे है Manus?
सिंगापुर के S. Rajaratnam School of International Studies (RSIS) के शोधकर्ता मनोज हरजानी के अनुसार, Manus अन्य चैटबॉट्स की तुलना में ज्यादा बेहतर है क्योंकि यह autonomously यूजर्स की ओर से कार्य कर सकता है. जबकि DeepSeek और ChatGPT केवल यूजर्स द्वारा दिए गए प्रश्नों का उत्तर चैट इंटरफ़ेस में देते हैं. Manus टिकट बुकिंग, रिज़्यूमे फ़िल्टरिंग और अन्य वास्तविक कार्य को स्वतः कर सकता है. इसके अलावा, जहां दीपसीक को पर्दे के पीछे विकसित किया गया था, वहीं Manus को सीमित इनवाइट-ओनली एक्सेस देकर और बिज़नेस क्लाइंट्स को टारगेट करके प्रचारित किया जा रहा है.
AI सेंसरशिप और संवेदनशील मुद्दे
DeepSeek को चीन सरकार की नीतियों के अनुरूप जवाब देने के लिए प्रोग्राम किया गया था लेकिन Manus बिना सेंसर किए हुए निष्पक्ष उत्तर देने में सक्षम है. जब तियानमेन स्क्वायर 1989 की घटना पर Manus से सवाल किया गया तो उसने इसे “चीनी सरकार द्वारा लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर की गई हिंसक कार्रवाई” बताया और घटना का विस्तृत विवरण दिया. Manus ने स्पष्ट किया कि वह जानबूझकर किसी भी तथ्यात्मक जानकारी को सेंसर नहीं करता. इसके पीछे यह कारण हो सकता है कि इसकी टीम ने चैटबॉट्स की तरह इसमें कंटेंट मॉडरेशन उतनी गहराई से नहीं जोड़ी है.
क्या Manus अगला DeepSeek बन सकता है?
RSIS के हरजानी के अनुसार, Manus की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह मांग के अनुसार खुद को स्केल कर पाता है या नहीं. हालांकि, उन्होंने कहा कि Manus और DeepSeek पूरी तरह अलग AI मॉडल हैं इसलिए Manus के लिए वही सफलता दोहराना कठिन हो सकता है.
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