Aurangzeb Tomb Controversy: मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर देश में बहस छिड़ी हुई है. यहां तक कि महाराष्ट्र में स्थित औरंगजेब की मजार को भी हटाने की मांग शुरू हो गई है. इस बीच एक आरटीआई (RTI) ने औरंगजेब के नाम पर हो रही सियासत को और तूल दे दिया है. आरटीआई में खुलासा हुआ है कि औरंगजेब जैसे क्रूर शासक की कब्र की देखरेख के लिए सरकार ने हर साल मोटी रकम खर्च की, वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए मात्र 250 रुपये महीना दिया गया.
दरअसल, आइटीआई में कहा गया है कि औरंगजेब की कब्र के लिए केंद्र सरकार का भारतीय पुरातत्व विभाग तीन साल में करीब 6.50 लाख रुपये खर्च कर चुका है. साल 2021-22 में कब्र की देखरेख के लिए 2,55,160 रुपये और साल 2022-23 में 2,00,636 रुपये खर्च किए जा चुके हैं. वहीं, देश की शान छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए सिर्फ 250 रुपये महीने दिए जाते हैं. आइए जानते हैं कि किस मुगल बादशाह की कब्र की देखभाल पर सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए जाते हैं…
क्यों होती है हर साल मेंटीनेंस
दरअसल, भारत में मुगलों द्वारा बनवाई गई ज्यादातर इमारतें पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित की जाती हैं. इन ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण भी जरूरी है, इसके लिए एएसआई हर साल मोटी रकम खर्च करता है. इनमें से कई मुगल बादशाहों के मकबरों की देखभाल भी एएसआई द्वारा की जाती है. ये सभी मकबरे सालों पुराने हैं. ऐसे में उनमें दरार आने पर मरम्मत और रंग-रोगन जैसे काम लगभग हर साल होते हैं. इसके लिए एएसआई द्वारा फंड जारी किया जाता है. बता दें, मुगल बादशाह अकबर का मकबरा आगरा के सिकंदरा में स्थित है, तो जहांगीर का मकबरा लाहौर में शाहदरा नगर में रावी नदी के किनारे स्थित है. इसके अलावा हुमायूं का मकबरा दिल्ली में है. वहीं औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद में स्थित है.
सबसे ज्यादा यहां होता है खर्च
मुगल बादशाहों की कब्र की देखभाल पर खर्च के आंकड़े मौजूद नहीं हैं. हालांकि, एक अनुमान के मुताबिक, भारत सरकार सबसे ज्यादा खर्च ताजमहल के संरक्षण पर खर्च करती है. यहीं पर मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज की कब्र है. ताजमहल के संरक्षण में हर साल लाखों रुपये खर्च होता है. पिछली कुछ रिपोर्ट को देखें तो 2015-16 से 2017-18 के बीच ताजमहल के संरक्षण और पर्यावरणीय विकास कार्य के लिए 12.46 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इस तरह देखें तो अन्य मुगल बादशाहों की कब्र की भी देखरेख के लिए लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं.
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