Punishment For Revealing Rape Victim Identity: साल 2019 में एक्टर करण ओबेरॉय के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में रेप विक्टिम की पहचान जाहिर करने को लेकर बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी की बेटी पूजा बेदी समेत कुछ और लोगों को समन जारी किया गया था.
अब इसे लेकर मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने कहा है कि पूजा बेरी समेत जो भी लोग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में इंवॉल्व है. इन सभी पर केस चलाया जाएगा. चलिए आपको बताते हैं. अगर कोई किसी रेप पीड़िता की पहचान हो उजागर करता है. तो कितनी हो सकती है सजा. इसे लेकर क्या है भारत में कानून.
रेप पीडिता की पहचान उजागर करने पर कितनी सजा?
साल 2019 में एक्टर करण ओबेरॉय रेप केस में पूजा बेदी और अन्य एक्टर्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 228ए के तहत केस दर्ज किया गया था. बता दें यह धारा रेप केस पीड़ित की पहचान सार्वजनिक रूप से उजागर करने के लिए तय की गई है. इसके तहत 2 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है. यानी अगर पूजा बेदी पर अपराध साबित हो जाता है तो उन्हें 2 साल तक की सजा हो सकती है.
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इन लोगों पर भी हुआ है केस दर्ज
एक्टर करण ओबेरॉय के खिलाफ दर्ज हुए रेप केस मामले में रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर सिर्फ पूजा बेदी पर ही केस दर्ज नहीं हुआ है. बल्कि इसमें और भी बॉलीवुड की हस्तियां शामिल है. इनमें बात की जाए तो बॉलीवुड एक्ट्रेस अन्वेषी जैन और एक्टर सुधांशु पांडे जैसे जाने-माने लोगों के नाम शामिल हैं. इन लोगों पर भी अगर अपराध साबित हो जाता है. तो इन्हें भी सजा सुनाई जा सकती है.
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सुप्रीम कोर्ट का है सख्त आदेश
सुप्रीम कोर्ट का इसे लेकर कहना है कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर करना न सिर्फ उसकी इंटीग्रिटी को खतरे में डालता है. बल्कि उसके परिवार वालों के लिए भी जीवन काफी मुश्किल कर देता है. साल 2012 में हुए दिल्ली गैंगरेप पीड़िता का भी असली नाम बताने की बजाय निर्भया शब्द का इस्तेमाल किया गया था. भारतीय न्याय संहिता की धारा 72 इस बात को सुनिश्चित करती है कि कोई भी ग्रुप या कोई व्यक्ति रेप विक्टिम को लेकर ना उसकी तस्वीर छाप सकता है. ना ही सोशल मीडिया पर या टीवी पर किसी प्रकार का ऐसा कोई बयान दे सकता है. जिससे उसकी पहचान जाहिर हो.
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