स्पोर्ट्स डेस्क2 घंटे पहले
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क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा पत्नी पूजा के साथ। पूजा की किताब का नाम ‘द डायरी ऑफ अ क्रिकेटर वाइफ’ है।
यह आस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का मौका था। चेतेश्वर सुबह से ही स्टेडियम में थे। वहीं मुझे एक क्रिकेटर की पत्नी से पता चला कि चेतेश्वर को टीम से बाहर कर दिया गया है। मैंने दुखी मन से चेतेश्वर की मौसी और उनके कोच को फोन किया। सभी दुखी हो गए। चेतेश्वर कमरे में आया, लेकिन उसके चेहरे पर दुख की एक रेखा भी नहीं थी। जब मैंने ड्रॉप के बारे में कहा- तो उन्होंने शांतिपूर्वक कहा कि यह सब हमारे हाथ से बाहर है और जो चीज हमारे हाथ से बाहर है, उसके लिए दुखी होने का कोई मतलब नहीं है।
इंडियन क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा ने ‘द डायरी ऑफ अ क्रिकेटर वाइफ’ नाम की एक बुक पब्लिश की है। इसमें उन्होंने चेतेश्वर के साथ अपनी पहली मुलाकात, लव मैरिज, चेतेश्वर के करियर के बुरे दौर और भारतीय क्रिकेट टीम की अंदरूनी कहानी के बारे में लिखा है।
पूजा ने यह भी लिखा है कि चेतेश्वर एक बेटे, पिता, पति और धार्मिक व्यक्ति के रूप में कैसे हैं। यह भारत में किसी क्रिकेटर की वाइफ द्वारा लिखी गई पहली बुक है। इस बारे में दैनिक भास्कर के गुजराती एडिशन ‘दिव्य भास्कर’ ने चेतेश्वर और पूजा से बातचीत की। पेश हैं, इनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश…

पूजा ने बताया, किताब लिखने का आइडिया चेतेश्वर ने दिया था।
पूजा ने अपने परिचय से बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा- हम मूल रूप से जामजोधपुर के हैं, लेकिन पिछले बीस सालों से राजकोट में रह रहे हैं। पिताजी एक कपास की फैक्ट्री के मालिक हैं और मेरा एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है। मैंने 10वीं तक की पढ़ाई सोफिया स्कूल, आबू से की। इसके बाद 11-12वीं अहमदाबाद से की और मास्टर डिग्री बॉम्बे से की। उसके बाद मैंने एक साल तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया। इसी दौरान मेरी मुलाकात चेतेश्वर से हुई।
शादी के लिए चेतेश्वर ने 6 लाइन का बायोडाटा भेजा था चेतेश्वर से शादी के बारे में पूजा ने कहा, शादी के लिए जब मुझे चेतेश्वर का बायोडाटा मिला तो वह सिर्फ छह लाइन का था। उसमें कोई डिटेल नहीं थी। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह मजबूरी में लिखा गया हो। मैं समझ गई थी कि चेतेश्वर पर घर से शादी का दबाव है। उस समय मैं भी अपने करियर में व्यस्त थी। मुझे लगा कि इस व्यक्ति की फिलहाल शादी में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर वह मना कर देता है, तो कुछ समय के लिए मेरा परिवार भी मुझसे शादी के लिए पूछना बंद कर देगा।
चेतेश्वर से पहली बातचीत ढाई घंटे तक चली चेतेश्वर से शुरू हुई लव स्टोरी के बारे में पूजा ने कहा, उस समय चेतेश्वर के काफी मैच चल रहे थे। वह मैचों के लिए साल के 11 महीने टूर करते थे। इसलिए जब मैं पहली बार अपने पैरेंट्स के साथ उनके घर गई तो चेतेश्वर से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद दूसरी मुलाकात में जब हम मिले हमारी बातचीत ढाई घंटे तक चली थी। हम दोनों बातें करने में इतने मशगूल हो गए थे कि समय कब बीत गया, पता ही नहीं चला। पहली ही मुलाकात में हम दोनों के विचार बदल गए और अब हम दोनों एक-दूसरे के बारे में और अधिक जानना चाहते थे। चेतेश्वर बाहर से जैसा दिखते हैं, वैसे ही काफी शर्मीले और शांत है। यह मुझे तभी पत चल गया था।
डेढ़ महीने तक चली बातचीत पूजा ने आगे कहा, इसके बाद हमारी बातचीत शुरू हो गई। चेतेश्वर के टूर के दौरान ज्यादातर मैसेज और ईमेल के जरिए ही बातचीत होती थी। करीब डेढ़ महीने तक हम दोनों की बातचीत होती रही और हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानने लगे। इसके बाद हमारी शादी की बात आगे बढ़ी।

चेतेश्वर और पूजा की शादी 13 फरवरी 2013 को हुई थी।
चेतेश्वर का अनुशासन मुझमें भी आया शादी के बाद जिंदगी में कितना बदलाव आया? इस सवाल के जवाब में पूजा ने कहा- चेतेश्वर की वजह से मेरी निजी जिंदगी काफी बदल गई है। पहले मैं देर रात तक जागती और सुबह देर से उठती थी। हेल्थ या फिटनेस की भी मुझे ज्यादा चिंता नहीं थी। लेकिन लाइफ में चेतेश्वर के आने के बाद सभी नियम बदल गए। हालांकि, मेरी लाइफ पर ग्लैमर का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हां, सामान्य जीवन से सीधे सेलिब्रिटी लाइफ में जाना थोड़ा अजीब लगता है। लेकिन हमने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सुबह अखबारों में भी तेजेश्वर के बारे में जो कुछ आता था तो मैं उसे पर्सनली लेती थी, लेकिन फिर मैंने उसे भी रुटिन मानकर पर्सनली लेना छोड़ दिया।
शादी के कुछ समय बाद तक तो मुझे क्रिकेट की समझ भी नहीं थी जब चेतेश्वरमैच खेल रहे होते हैं और क्रीज पर होते हैं, तो क्या उनके साथी के रूप में आप पर दबाव होता है? इसक जवाब में पूजा कहती हैं, शादी के कुछ समय बाद तक तो मुझे क्रिकेट की समझ भी नहीं थी। इसलिए दबाव महसूस ही नहीं होता था। हां, एक-दो साल में मैं क्रिकेट के बारे में काफी कुछ जानने लगी थी। मैं चेतेश्वर के शॉट्स, उनके रनों पर बहुत खुश होती थी। एक बार जब वह नॉट आउट थे और DRS की कमी के चलते आउट दे दिए गए थे। तब मुझे बहुत तेज गुस्सा आया था।
सभी क्रिकेटर्स की पत्नियां साथ में घूमने जाती हैं जब सभी खिलाड़ियों की पत्नियां मैच के दौरान पतियों के साथ होती हैं तो क्या होता है। इस पर पूजा ने कहा- मैच में सभी खिलाड़ियों का टाइमटेबल एक जैसा होता है। उन्हें कई-कई घंटों तक मैच खेलना होता है। इसलिए हम सभी पत्नियां एक साथ समय बिताती हैं। एक बार जब हम न्यूजीलैंड में सीरीज के लिए गए थे, तो मैं और अन्य क्रिकेटर्स की पत्नियां स्काई डाइविंग करने चले गए थे। पति अपने मैच खेलने में बिजी रहते हैं तो हम अपनी तरह से एन्जॉय कर लेते हैं।
चेतेश्वर को देखकर नहीं बता सकते कि व तनाव में हैं हमेशा ही शांत स्वभाव में नजर आने वाले चेतेश्वर के तनाव के बारे में पूजा कहती हैं कि उन्हें देखकर आप समझ ही नहीं सकते कि वे तनाव में हैं। चेतेश्वर के हावभाव से भी उनके तनाव का पता लगा पाना काफी मुश्किल है। वे किसी से जाहिर ही नहीं करते और न ही किसी से कुछ कहते हैं। शायद यह उनका स्वभाव का हिस्सा है कि अपना तनाव किसी और को न देना और सामने वाले के लिए भी सामान्य माहौल बनाए रखना। वैसे, मेरा भी यही मानना है कि अगर आपको महसूस हो रहा हो कि सामने वाला तनाव में है, लेकिन जाहिर नहीं कर रहा तो उससे बार-बार वह सवाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इससे उसे और तनाव होगा। इससे बेहतर है कि आप सामने वाले से किसी और विषय पर बात कर उसे शांत करने की कोशिश करें।
पुजारा ने बताया पेशेवर और निजी जीवन को अलग रखने का फार्मूला एक क्रिकेटर के रूप में लगातार टूर करते हुए, मीडिया की नजरों में रहते हुए निजी जीवन को कैसे बनाए रखते हैं?, इस सवाल के जवाब में चेतेश्वर कहते हैं, सबसे पहले तो हम पेशेवर तौर पर होने वाली किसी भी घटना को सामान्य जीवन में नहीं आने देते। मैं अपने पेशेवर जीवन में चाहे जो भी हूं, घर पर एक सामान्य बेटा, पति और पिता ही रहता हूं। लगातार टूर के चलते हमें लगातार एक से दो महीने तक बाहर रहना पड़ता है। इस दौरान बमुश्किल चार से पांच दिन की छुट्टी मिल पाती है। वहीं, मेरी बेटी और पूजा स्कूल के चलते हर बार मेरे साथ टूर पर भी नहीं जा सकती। इसीलिए मेरी कोशिश रहती है कि जब परिवार के साथ रहूं तो बस मैं उनके लिए ही रहूं।
सेलिब्रिटी टैग घर से बाहर छोड़कर ही आते हैं पुजारा चेतेश्वर की सेलिब्रिटी लाइफ के बारे में पूजा कहती हैं, जब चेतेश्वर घर पर होते हैं तो अपने साथ सेलिब्रिटी का टैग नहीं रखते। वैसे मेरा पूरा दिन बेटी के इर्द-गिर्द ही बीतता है। लेकिन जब चेतेश्वर घर पर होते हैं, तो मेरा टाइम टेबल थोड़ा चेंज हो जाता है। फिर बेटी पापा के साथ ही रहती है- मैं यह काम नहीं करूंगी, पापा करेंगे। बेटी को स्कूल छोड़ना और वापस लाने का काम फिर चेतेश्वर ही करते हैं। जिम में भी हम एक साथ होते हैं। हम दोनों के ही परिवार राजकोट में रहते हैं। चेतेश्वर की छुट्टियों में हम एक-दूसरे के घर आते-जाते रहते हैं। चेतेश्वर जब घर पर होते हैं तो वे पूरी तरह से बेटी और मेरे लिए ही घर पर होते हैं।

चेतेश्वर अपनी पत्नी और बेटी के साथ।
किताब लिखने के लिए चेतेश्वर ने आइडिया दिया लेखन से कोई संबंध न रखते हुए एक पूरी किताब लिखने का विचार आपके मन में कैसे आया? इस सवाल के जवाब में पूजा कहती हैं, मैं 2013 में जर्नलिंग कर रही थी। यानी रोजाना लिखती थी। उस समय मैंने टेनिस खिलाड़ी आंद्रे अगासी की आत्मकथा ‘ओपन’ पढ़ी। उस समय हमारी शादी को केवल 5 महीने ही हुए थे। उसके बाद दस साल बीत गए और 2021 में चेतेश्वर ने मुझसे कहा कि तुम कई सालों से मेरे करियर में मेरे साथ हो, तुमने मेरे सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। तो तुम इस पर किताब लिखने के बारे में क्यों नहीं सोचती? मुझे यह बात तुरंत पसंद आ गई। फिर मैंने सोचा कि आज तक किसी क्रिकेटर की पत्नी ने एक क्रिकेटर के साथ के सफर के बारे में नहीं लिखा है। तो क्यों न, यह मैं ही लिख दूं।
पुजारा ने ड्रेसिंग रूम के बारे में कभी कुछ नहीं बताया पूजा ने आगे बताया कि किताब लिखने में एक परेशानी यह भी थी कि चेतेश्वर अपने पेशेवर जीवन को घर के दरवाजे के बाहर ही छोड़ आते हैं। मैंने चेतेश्वर से पूछती थी कि ड्रेसिंग रूम में क्या हुआ? किसने क्या बात की, लेकिन चेतेश्वर इस बारे में कुछ ही बताने से साफ मना कर देते थे। वे कहते थे कि मेरा ध्यान सिर्फ खेल पर होना चाहिए। उन्होंने कई देशों की यात्रा की, लेकिन उन्होंने स्टेडियमों और होटलों के अलावा और कुछ नहीं देखा है।
जब मैं चेतेश्वर के साथ यात्रा करता थी तो उनके जुड़ी कहानियों को अपने नजरिए से लिखने की कोशिश करती थी। संवेदनशील पुस्तक लिखते समय कई किस्सों को अलग-अलग तरह से लिखना पड़ता है। मैंने उसकी पूरी कोशिश की। हालांकि, चेतेश्वर ने प्रूफरीडिंग में मेरी बहुत मदद की है।
जब चेतेश्वर पहली बार ड्रॉप हुए… पूरी किताब में से कौन सी कहानी आपको सबसे दिलचस्प लगी? इस बारे में पूजा ने कहा, ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज। चेतेश्वर ने जबसे डेब्यू किया, तबसे टीम में कई खिलाड़ी बदले गए, लेकिन चेतेश्वर को कभी बाहर नहीं किया गया। इस मामले में उन्हें भारत की टेस्ट दीवार कहा गया। एक बार जब हम सिडनी में थे तो चेतेश्वर को पहली बार ड्रॉप किया गया था। उस समय मुझे इतना बुरा लगा कि मेरा स्टेडियम में जाने का मन नहीं हो रहा था। जबकि सिडनी के स्टेडियम में जाना तो सभी का ड्रीम होता है। लेकिन, मैं स्टेडियम नहीं गई। मेरी आंखों में आंसू थे, लेकिन चेतेश्वर तब भी नॉर्मल थे।
उस दिन मैं होटल के कमरे में खूब रोई पूजा ने उस दिन को याद करते हुए बताया, वह सुबह का समय था। चेतेश्वर सुबह से ही स्टेडियम में थे और हम स्टेडियम आने के लिए होटल के रूप में रेडी हो रहे थे। इसी दौरान एक अन्य क्रिकेटर की पत्नी मेरे पास आई और बोली- यार चेतेश्वर को तो आज टीम से बाहर कर दिया गया है। मैं उसकी बात सुनकर शॉक्ड रह गई। मुझे समझ ही नहीं आ रहा थी कि मैं क्या बोलूं। मैं रोते हुए सीधे अपने कमरे में गई और चेतेश्वर की मौसी को फोन किया। क्योंकि, चेतेश्वर अपनी मौसी के बहुत लाड़ले हैं। चेतेश्वर को भी उनसे बहुत स्नेह है। मैंने, मौसी को पूरी बात बताई तो उन्होंने मुझे समझाया। चिंता मत करो। उसने अपने जीवन में ऐसे कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह वक्त भी वह आराम से निकाल लेगा। भगवान उसे शक्ति देगा। लेकिन, मेरा मन नहीं माना। मैंने चेतेश्वर को फोन किया। लेकिन, चेतेश्वर ने भी शांत मन से यह कहा कि खिलाड़ियों के जीवन में ऐसा होना बहुत आम बात है। वैसे भी जीवन में सबकुछ हमारे हाथ में नहीं होता। और जो अपने हाथ में नहीं है, उसके बारे में सोचकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
इस पुस्तक को लिखने के पीछे आपका दृष्टिकोण क्या था? जवाब में पूजा ने कहा, पहली बात तो यह है कि क्रिकेटर को लोग कैमरे के फ्रेम में ही देखते हैं। लेकिन उसके पीछे की कहानी कोई नहीं जानता। मैंने इस किताब में उसी पीछे की कहानी को लिखा है। आप इसे पढ़ेंगे तो आपको भी लगेगा कि यह तो हमारी ही कहानी जैसी है। मैंने यह भी बताने कि कोशिश की है कि सेलिब्रिटी लाइफ के रिश्ते में किस तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं। किताब में आप यह भी पढ़ेंगे कि बदलते हालात में आप एक-दूसरे की सफलताओं और असफलताओं में एक-दूसरे की मदद कैसे कर सकते हैं?
पूजा ने बुक में कोई मसाला भी मसाला नहीं मिलाया किताब के बारे में चेतेश्वर ने कहा, पूजा ने बुक में कोई भी मसाला नहीं मिलाया है। साथ ही पूजा ने किसी को अच्छा या बुरा महसूस कराने जैसा कुछ नहीं लिखा है। इसमें ऐसा भी कुछ भी नहीं है, जो मुझे अच्छा महसूस कराता हो। पूरी किताब में मुझे हमारी प्रेम कहानी सबसे ज्यादा पसंद आई। पूजा ने हमारे शुरुआती दिनों के बारे में इतना अच्छा लिखा है कि मुझे इसे चार-पांच बार पढ़ा। पूजा ने मेरे करियर की शुरुआत के बारे में भी लिखा है। ये दोनों हिस्से मुझे बहुत पसंद आए।
क्या चेतेश्वर पुजारा भी किताब लिखेंगे? चेतेश्वर ने कहा, पूजा ने ‘क्रिकेटर की पत्नी’ के एंगल से किताब लिखी है और उसका अधिकांश हिस्सा कवर हो चुका है। लेकिन फिर भी, क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मैं कुछ लिखने के बारे में सोचूंगा। लेखन मेरा लेखन कौशल नहीं है। मुझे नहीं पता कि यह आगे भी विकसित हो पाएगा या नहीं। चेतेश्वर अभी बोल ही रहा थे कि पूजा ने चेतेश्वर की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा, ‘ऐसा नहीं हो पाएगा’। इस पर चेतेश्वर ने भी हंसते हुआ कहा- हां, हां, मुझे भी पता है, ऐसा नहीं हो पाएगा। क्योंकि इसके लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। पूजा की यह किताब उसकी कई सालों की कड़ी मेहनत का फल है।