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- Dhadakpur’s Simplicity Is A Unique Blend Of Humor And Social Message, Simple And Effective Dialogues Highlight The Reality Of The Characters
4 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘दुपहिया’ एक ऐसी वेब सीरीज है जो हास्य, सामाजिक संदेश और मनोरंजन का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करती है। सोनम नायर के निर्देशन में बनी यह सीरीज दर्शकों को धड़कपुर गांव की सादगी भरी दुनिया में ले जाती है, जहां एक मोटरसाइकिल की चोरी से पूरे गांव की जिंदगी में हलचल मच जाती है। इस सीरीज में गजराज राव, रेणुका शहाणे, स्पर्श श्रीवास्तव, शिवानी रघुवंशी, भुवन अरोड़ा, यशपाल शर्मा की अहम भूमिका है। 9 एपिसोड की यह सीरीज प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई है। दैनिक भास्कर ने इस सीरीज को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।

सीरीज की कहानी क्या है?
सीरीज की कहानी धड़कपुर गांव के इर्द-गिर्द घूमती है। जो पिछले 25 वर्षों से अपराध-मुक्त रहा है। वहां बनवारी लाल (गजराज राव) अपनी बेटी रोशनी (शिवानी रघुवंशी) की शादी के लिए बड़ी मेहनत से एक नई मोटरसाइकिल खरीदते हैं। यह मोटरसाइकिल न केवल दूल्हे के लिए उपहार है, बल्कि गांव के सम्मान का प्रतीक भी बन जाती है। लेकिन जब यह दुपहिया चोरी हो जाती है, तो गांव में अफरा-तफरी मच जाती है। गांववाले, पुलिस और परिवार मिलकर इस चोरी की गुत्थी सुलझाने में जुट जाते हैं, जिससे कई हास्यप्रद और संवेदनशील परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं।
स्टार कास्ट की एक्टिंग कैसी है?
गजराज राव ने बनवारी लाल के रूप में अपने सहज अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और भावनात्मक दृश्य विशेष उल्लेखनीय हैं। रेणुका शहाणे ने पुष्पलता यादव की भूमिका में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जो गांव की पंचायत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्पर्श श्रीवास्तव और भुवन अरोड़ा जैसे युवा कलाकारों ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी है, जिससे कहानी में ताजगी बनी रहती है। शिवानी रघुवंशी ने रोशनी के रूप में अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है, जो गांव की परंपराओं और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाती है।

डायरेक्शन कैसा है?
सोनम नायर ने ग्रामीण जीवन की बारीकियों को पर्दे पर उतारने में सफलता पाई है। कहानी की गति संतुलित है, हालांकि कुछ स्थानों पर स्क्रीनप्ले में मामूली कमजोरियां महसूस होती हैं। सिनेमैटोग्राफी ने धड़कपुर की सुंदरता और सादगी को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है, जिससे दर्शक गांव की गलियों और वातावरण से जुड़ाव महसूस करते हैं। सीरीज के संवाद सरल, प्रभावी और हास्य से भरपूर हैं, जो पात्रों की वास्तविकता को उजागर करते हैं। कहानी के माध्यम से सामाजिक संदेश भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं, जैसे कि समुदाय की एकता, परिवार का महत्व और आधुनिकता के साथ परंपराओं का संतुलन। सीरीज में गाली-गलौज और हिंसा से परहेज किया गया है, जो इसे परिवार के साथ देखने योग्य बनाता है।

सीरीज का संगीत कैसा है?
सीरीज का संगीत कहानी के मूड के साथ मेल खाता है, लेकिन कोई विशेष गीत या धुन यादगार नहीं बन पाई है। ग्रामीण पृष्ठभूमि की कहानियों में लोकसंगीत की उम्मीद की जाती है, जो यहां थोड़ा कम महसूस होता है।
सीरीज का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं
यदि आप ग्रामीण भारत की सादगी, हास्य और सामाजिक संदेशों से भरपूर कहानियां पसंद करते हैं, तो ‘दुपहिया’ आपके लिए एक उपयुक्त विकल्प है। यह सीरीज न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि हमें हमारे समाज और मूल्यों के प्रति सोचने पर भी मजबूर करती है। हालांकि कुछ कमियां हैं, लेकिन मजबूत अभिनय और दिलचस्प कहानी के कारण यह सीरीज एक बार देखने लायक जरूर है।