इन दिनों पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले को लेकर बड़ी गीदड़भभकी दे रहा है. वहां के मंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने परमामु हथियार को सजाने के लिए नहीं रखा है. भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े एक्शन ले लिए हैं, इसके बाद भी वो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. उनके देश के मंत्री भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और कुछ न कुछ अनाप शनाप बोल रहे हैं.
खैर यहां बात परमाणु हमले की हो रही थी, तो यह बात तो सभी जानते हैं कि अमेरिका ने सबसे पहले परमाणु बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए थे, जिससे वहां लाखों लोगों की आबादी खत्म हो गई थी. अब एक सवाल यह भी है कि क्या अमेरिका ने परमाणु हमले से पहले किसी से इजाजत ली थी? चलिए जानें.
कितने लोगों की हुई थी मौत
सन् 1945 को 6 और 9 अगस्त को जापान के लिए वो काला दिन था जब अमेरिका ने अपनी ताकत दिखाने के लिए ऐसा काम किया था, जिसे भूलने के लिए सदियां भी कम पड़ जाएंगी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला कर दिया था. छह अगस्त को पहला हमला हिरोशिमा पर हुआ वहीं नौ अगस्त को दूसरा हमला नागासाकी पर किया गया था. इस हमले में 1,29,000 लोग मारे गए थे. उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति डेमोक्रेट ट्रूमैन थे. उन्होंने खुद कहा था कि यह दुनिया में इतिहास का सबसे खतरनाक बम है. इस बम को बनाने के लिए हजारों-लाखों डॉलर का खर्चा आया था.
अमेरिका ने किससे ली थी मदद
ट्रूमैन का मकसद इस हथियार का इस्तेमाल करके जापान को किसी भी युद्ध के लायक न छोड़ना और हमेशा के लिए युद्ध समाप्त कर देना था. लेकिन क्या अमेरिका ने परमाणु हमला करने से पहले किसी देश की इजाजत ली थी. इसका जवाब है नहीं, अमेरिका ने परमाणु हमले से पहले किसी से कोई इजाजत नहीं ली थी. ट्रूमैन ने जापानी नेताओं द्वारा की गई पॉड्सडैम घोषणा को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करने के बाद परमाणु बम को इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था. हालांकि अमेरिका ने क्यूबेक समझौते के तहत यूनाइटेड किंगडम की सहमति ली थी, लेकिन परमाणु बम के लिए यह जरूरी नहीं था.
अमेरिका पर क्या हुआ था असर
अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुद जापान पर परमाणु हमले की इजाजत दी थी. वहीं इस हमले के बाद अमेरिका को प्रत्यक्ष रूप से तो कोई नुकसान नहीं हुआ. लेकिन अमेरिका ने इसके बाद जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया था. द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त यह जरूरी घटना थी. इस परमाणु हमले के बाद दुनियाभर में परमाणु हथियारों के प्रसार का नेगेटिव प्रभाव पड़ा था.
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