हाल ही में मस्क को लिए एक पत्र में युनुस ने कहा है कि मस्क के बांग्लादेश के दौरे से उन्हें उन युवाओं से मिलने का मौका मिलेगा जो इस प्रमुख टेक्नोलॉजी के मुख्य लाभार्थियों में शामिल होंगे। युनुस का कहना है, “बांग्लादेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ स्टारलिंक की कनेक्टिविटी को इंटीग्रेट करने का विशेषतौर पर युवाओं और कमजोर तबके की महिलाओं पर बड़ा असर होगा।” इसके साथ ही युनुस ने अपने उच्च प्रतिनिधि, Khalilur Rahman को बांग्लादेश में स्टारलिंक की सर्विस के लॉन्च के लिए जरूरी कार्य को अगले 90 दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया है। इससे पहले युनुस ने स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को शुरू करने के मुद्दे पर मस्क के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी।
भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक तरीके से एलोकेट किया जा सकता है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio की भी यह सर्विस लॉन्च करने की योजना है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि स्टारलिंक ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) की ओर से लोकल डेटा स्टोरेज सरकार की ओर से डेटा इंटरसेप्शन से जुड़ी शर्तों के लिए औपचारिक तौर पर सहमति दी है। देश में इस सर्विस के लाइसेंस को हासिल करने के लिए सभी कंपनियों को इन शर्तों को मानना होगा। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि स्टारलिंक ने इसके लिए आवेदन को स्वीकृति मिलने तक कुछ शर्तों में छूट देने का निवेदन किया था लेकिन सरकार ने विदेशी कंपनियों को कोई भी छूट देने से मना कर दिया था।
DoT की ओर से सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए किसी विदेशी कंपनी को लाइसेंस नहीं दिया गया है। देश में स्टारलिंक को Bharti Airtel और रिलायंस जियो से टक्कर मिल सकती है। अगले कुछ महीनों में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (DoT) की ओर से इस स्पेक्ट्रम को एलोकेट किया जा सकता है। हालांकि, रिलायंस जियो ने इस स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन कराने की मांग की थी। <!–
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