एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बारे में अंतिम फैसला नहीं किया गया है। केंद्र सरकार ने BSNL के 4G नेटवर्क के लिए स्वदेशी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया है। अगर कंपनी के 5G नेटवर्क पर अपग्रेड के लिए विदेशी टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनियों को शामिल किया जाता है तो यह सरकार के रुख में बड़ा बदलाव होगा। BSNL को 5G मोबाइल सर्विसेज नहीं होने की वजह से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से मुकाबला करने में मुश्किल हो रही है। कंपनी के 4G नेटवर्क को इंस्टॉल करने की जिम्मेदारी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्शियम के पास है।
इस बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि कंपनी के 5G से जुड़े टेंडर की वॉल्यूम का आधा हिस्सा देश की कंपनियों के लिए रिजर्व करने के एक प्रपोजल पर सरकार विचार कर रही है। इस टेंडर के बाकी के हिस्से के लिए बिड देने की विदेशी कंपनियों को भी अनुमति दी जा सकती है। इस सूत्र ने कहा कि BSNL के 5G नेटवर्क की साइट्स के लिए जल्द बिड्स मंगाई जा सकती हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार को फीडबैक मिला है कि कंपनी के 4G नेटवर्क के लिए इक्विपमेंट का प्रदर्शन, क्वालिटी और कैपेबिलिटी Ericsson और Samsung जैसी विदेशी कंपनियों के टेलीकॉम इक्विपमेंट के समान नहीं है। इस वजह से सरकार यह आकलन कर रही है कि कंपनी के 5G नेटवर्क के लिए विदेशी कंपनियों को टेंडर में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए या नहीं।
मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में BSNL ने लगभग 262 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है। कंपनी का लगभग 17 वर्ष बाद यह तिमाही प्रॉफिट है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी ने नई सर्विसेज लॉन्च करने के साथ ही अपने कामकाज में भी सुधार किया है। दिसंबर तिमाही में BSNL के मोबाइल सर्विसेज से रेवेन्यू में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
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