Dalai Lama Chosen Process: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्ताधिकारी को लेकर लंबे वक्त से चर्चा चली आ रही है कि अगला दलाई लामा कौन होगा. अब दलाई लामा भी इस बात से सहमत हो चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी चुन लिया जाना चाहिए. अभी तक तो दलाई लामा की नियुक्ति तिब्बत में जन्मे किसी बच्चे को खोजकर की जाती थी, लेकिन अब मामला ऐसा नहीं रहा है. इस बार मामला थोड़ा पेचीदा है. हाल ही में 14वें दलाई लामा ने ये संकेत दिया है कि उनका उत्तारधिकारी इस बार चीन में नहीं बल्कि किसी और स्वतंत्र देश में चुना जाएगा. इसी घोषणा जुलाई में की जा सकती है. इसी बहस के बीच जानते हैं कि आखिर दलाई लामा का चुनाव कैसे होता है.
कैसे आएगा अलगा दलाई लामा
दलाई लामा ने अपनी नई किताब वॉयस फॉर द वॉयसलेव में दलाई लामा ने पुष्टि की है कि अगले दलाई लामा का चुनाव स्वतंत्र देश में होगा. इस बात से ये सुनिश्चित होता है कि ये संस्था चीनी नियंत्रण से अलग होगी और तिब्बती अधिकारों और आध्यात्मिक नेतृत्व की वकालत करने की अपनी पारंपरिक भूमिका को जारी रखेगी. चूंकि दलाई लामा का काम पूर्ववर्ती के काम को आगे बढ़ाना होता है, यही वजह है कि नए दलाई लामा का जन्म मुक्त विश्व में होगा, ताकि जो दलाई लामा का पारंपरिक मिशन पूरी दुनिया की करुणा की आवाज बनना, तिब्बती बौद्ध धर्म का आध्यात्मिक नेता और तिब्बत का प्रतीक बनना जारी रहे.
कैसे होता है दलाई लामा का चुनाव
इसके बीच सवाल अभी भी वही है कि आखिर दलाई लामा कैसे चुने जाते हैं, इनको चुनने की परंपरा क्या है. दरअसल दलाई लामा को तुलकु माना जाता है, जो कि बोधिसत्व अवलोकितेश्वर जिसे करुणा का बोधिसत्व की कहा जाता है का पुनर्जन्म वंश है. इनके उत्तराधिकारी को चुनने की परंपरा सदियों से एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया रही है. नए दलाई लामा की खोज तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा दर्शन, संकेतों और सपनों की व्याख्या करना शामिल है.
कौन तय करता है दलाई लामा
ये प्रक्रिया ऐतिहासिक रूप से वरिष्ठ भिक्षुओं के द्वारा तय की जाती है, जब किसी दलाई लामा की मौत हो जाती है तो उनके शरीर के शगुन के इसकी तलाश होती है. जैसे कि 13वें दलाई लामा की जब मृत्यु हुई तो पहले उनका शरीर दक्षिण की ओर था, लेकिन बाद में ये पूर्व की तरफ हो गया. जिससे ये माना गया कि अगला दलाई लामा पूर्व दिशा से पुनर्जन्म लेगा. ये भिक्षु तिब्बत में पवित्र झील ल्हामोई लात्सो में भी अगले पुनर्जन्म और उत्तारधिकारी की तलाश के बारे में कोई सुराग खोजने की कोशिश करते हैं.
दलाई लामा चुनने की परंपरा
एक बार संभावित उत्तराधिकारी की पहचान हो जाने के बाद उस बच्चे का कई तरह से परीक्षण होता है. जिसमें ये पिछले दलाई लामा से संबंधित वस्तुओं को पहचाना होता है. जैसे कि आज के वक्त में जो दलाई लामा हैं, उनका जन्म 1935 में ल्हामो धोंडुप के रूप में हुआ था. उनको दो साल की उम्र में ही पहचान लिया गया था.