India Pakistan Conflict: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्ध की अटकलें भी लगने लगी हैं. इसके मद्देनजर हमने ग्रोक एआई से पूछा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा? एआई ग्रोक ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति, परमाणु हथियारों और ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए बेहद चौंकाने वाला जवाब दिया. साथ ही, बताया कि अगर युद्ध हुआ तो किस देश को ज्यादा नुकसान होगा?
सेना के आकार में भारत मार रहा बाजी
एआई ग्रोक ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बेहद जटिल और संवेदनशील मुद्दा है. ऐसे में यह विश्लेषण सिर्फ अनुमान पर आधारित है और इसका मकसद किसी भी तरह से युद्ध को बढ़ावा देना या पक्षपात करना नहीं है. एआई के मुताबिक, भारत के पास लगभग 14.5 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक हैं. इसके अलावा भारत के पास रिजर्व फोर्स और अर्धसैनिक बल भी हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास लगभग 6.5 लाख सक्रिय सैनिक हैं. आंकड़ों के हिसाब से यह सेना भारत से काफी छोटी है. ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2025 के मुताबिक, सेना के मामले में भारत चौथे पायदान पर आता है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है.
रक्षा बजट में भी नहीं टिकता पाकिस्तान
2025 में भारत का रक्षा बजट लगभग 58-75 अरब डॉलर है, जो इसे उन्नत हथियारों, तकनीक, और प्रशिक्षण में निवेश करने में सक्षम बनाता है. वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट लगभग 7.6-11 अरब डॉलर है, जो भारत की तुलना में काफी कम है.
हथियार और तकनीक में कौन आगे?
भारत के पास आधुनिक लड़ाकू विमान (राफेल, सुखोई-30), स्वदेशी मिसाइलें (ब्रह्मोस, अग्नि), उन्नत टैंक (अर्जुन) और नौसेना में विमानवाहक पोत (आईएनएस विक्रांत) हैं. भारत की साइबर युद्ध और अंतरिक्ष युद्ध क्षमताएं भी बढ़ रही हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास जे-17, एफ-16 जैसे लड़ाकू विमान, अल-खालिद टैंक, और क्रूज मिसाइलें (बाबर) हैं. उसकी नौसेना भारत की तुलना में छोटी है.
कौन-सा देश पहले चलाएगा परमाणु बम?
परमाणु क्षमता की बात करें तो भारत के पास 150-200 परमाणु हथियार होने का अनुमान है. हालांकि, परमाणु हथियारों को लेकर भारत ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति पर काम करता है. इसका मतलब है कि वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. वहीं, पाकिस्तान के पास 165-200 परमाणु हथियार होने का अनुमान है. उसकी नीति में ‘फर्स्ट यूज’ का विकल्प शामिल है. इसका मतलब यह है कि वह खतरे की स्थिति में पहले परमाणु हमला कर सकता है.
इतिहास में भारी रहा है भारत का पलड़ा
भारत और पाकिस्तान के बीच चार बड़े युद्ध 1947-48, 1965, 1971 और 1999 हो चुके हैं. 1947-48 में प्रथम कश्मीर युद्ध हुआ था. उस दौरान भारत ने कश्मीर घाटी, जम्मू, और लद्दाख (दो-तिहाई क्षेत्र) पर नियंत्रण हासिल किया, जबकि पाकिस्तान को एक-तिहाई क्षेत्र (आजाद कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान) मिला. यह युद्ध संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से रुका था. 1965 में दूसरा कश्मीर युद्ध हुआ, जिसमें पाकिस्तान का ऑपरेशन जिब्राल्टर विफल रहा. वहीं, भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर जवाबी हमला किया. 17 दिन चले इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया. हालांकि, बाद में ये इलाके छोड़ दिए गए. 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध हुआ, जिसमें भारत ने महज 13 दिन में पाकिस्तान को हरा दिया. इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ. 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की. भारत ने महज दो महीने में अपना इलाका वापस हासिल कर लिया.
परमाणु युद्ध हुआ तो कौन मारेगा बाजी?
एआई ग्रोक ने बताया कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जो युद्ध को विनाशकारी बना सकते हैं. भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति और पाकिस्तान की ‘फर्स्ट यूज’ नीति के कारण परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ सकता है. अगर परमाणु युद्ध हुआ तो दोनों देशों को भारी नुकसान होगा और लाखों लोग मारे जा सकते हैं. अगर दोनों देश परमाणु हमला करते हैं तो कोई भी नहीं जीतेगा, बल्कि दोनों देश तबाह हो जाएंगे. क्षेत्रीय स्थिरता चरमरा जाएगा. इससे दोनों ही देशों को भारी नुकसान होगा.
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