परमाणु हथियार का जिक्र होते ही सबसे पहला परमाणु हमला हिरोशिमा और नागासाकी याद आता है, जब अमेरिका ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए इन जगहों पर दो परमाणु बम गिराए. जिससे बड़ी संख्या में लोग मारे गए. इन दिनों दो परमाणु संपन्न देश भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की चर्चा फिर तेज हो चुकी है. पाकिस्तान के मंत्री कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं. लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि परमाणु हथियारों पर देश कितना खर्चा करते हैं, या भारत ने परमाणु हथियार पर कितने रुपए खर्चा किए हैं.
भारत के पास कितने परमाणु हथियार
जब जापान में परमाणु बम गिरे तो इससे लोगों की जान तो गई ही साथ ही साथ उस देश का भारी नुकसान हुआ. लेकिन फिर भी दुनिया के देश परमाणु हथियारों के रखरखाव में सालाना 91.4 अरब डॉलर का खर्चा करते हैं. भारत की बात करें तो साल 2022 की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के परमाणु हथियार संपन्न देशों ने 2021 में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर 82.4 अरब डॉलर खर्च किए हैं. रक्षा थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की मानें तो भारत के पास साल 2022 में 160 परमाणु हथियार थे, जिनकी संख्या अब बढ़ रही है.
किस देश ने कितने रुपये खर्च किए
रिपोर्ट की मानें तो परमाणु हथियारों पर रूस 8.6 अरब डॉलर, अमेरिका 44.2 अरब डॉलर, यूके 6.8 अरब डॉलर, चीन 11.2 अरब डॉलर, फ्रांस 5.9 अरब डॉलर, भारत 2.3 अरब डॉलर, पाकिस्तान 1.1 अरब डॉलर, इस्राइल 1.2 अरब डॉलर और नॉर्थ कोरिया 642 मिलियन डॉलर निर्माण और अपग्रेड पर खर्च किए हैं. दुनिया के केवल नौ देशों के पास ही परमाणु हथियार हैं. देशों ने इसको राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संरक्षित किया है.
बनाना और संरक्षण दोनों महंगे
परमाणु बम को बनाना जितना महंगा होता है, उतना ही महंगा होता है उसको संरक्षित रखना. रक्षा थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च ने कुछ वक्त पहले इस बात की चेतावनी दी थी कि सभी नौ देश अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाने में जुटे हुए हैं. हथियारों को तैनात करने का जोखिम भी अधिक दिखाई देता है.
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