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श्रीनगर17 मिनट पहले
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रामबन इलाके में सोमवार को बहाली अभियान चलाते हुए घरो और सड़कों से मलबा हटाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को बादल फटने और लैंडस्लाइड से इलाके में तबाही मच गई थी। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने करीब 100 लोगों को रेस्क्यू किया।
रामबन इलाके में सोमवार को भी रेस्क्यू अभियान चलाते हुए घरो और सड़कों से मलबा हटाया जा रहा है। हालांकि, जम्मू श्रीनगर हाईवे (NH- 44) दूसरे दिन भी बंद है। इसके चलते सैकड़ों ट्रक और वाहन अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। इसमें हजारों पर्यटक भी शामिल हैं।
वहीं, मौसम की खराब स्थिति और फ्लैश फ्लड के खतरे को देखते हुए जिला रामबन के सभी स्कूल, कॉलेज आज बंद रखे गए हैं। प्रशासन ने लोगों से यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

सोमवार को NH-44 बंद होने की वजह से पैदल ही यात्रियों को सफर करना पड़ रहा है।
स्थानीय विधायक बोले- इस तरह की त्रासदी हमने कभी नहीं देखी
स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह राजू ने कहा- इस तरह की त्रासदी हमने कभी नहीं देखी। इस त्रासदी में प्रोपर्टी को जो नुकसान हुआ वो हुआ, लेकिन जो लोगों की जान गई वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हालांकि स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और प्रशासन की पहली प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालना और बंद सड़कों को दोबारा खोलना है।
रामबन जिले में सोमवार को चलाए जा रहे बहाली और रेस्क्यू अभियान की तस्वीरें

सोमवार को भी NDRF और सेना का रेस्क्यू अभियान जारी है।

मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे को खोलने के लिए सड़कों पर आए मलबे को हटाया जा रहा है।

सेना की ओर से फंसे हुए लोगों को खाना-पानी भी दिया जा रहा है।

NH-44 बंद होने की वजह से रास्ते पर लंबा जाम लगा है।
बारात लेकर पैदल ही निकला युवक
भारी बारिश और बाढ़ के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे (NH-44) बंद है, इस वजह से रामबन जिले का रहने वाले हाशखोर अहमद अपनी शादी करने के लिए करीब 7 किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े। हाशखोर सुबह 6 बजे अपने परिवार के साथ घर से निकले और कार को बीच रास्ते में खड़ा कर दिया। वो पैदल ही बारात लेकर विवाह स्थल तक पहुंचेंगे।
हाशखोर ने कहा- अगर सड़क नहीं खुली तो शादी के बाद पत्नी को भी पैदल लाना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि जल्दी से जल्दी हाईवे खोला जाए, क्योंकि कई लोग, बच्चे और बुजुर्ग रास्ते में फंसे हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री बोले- जिला प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सेना के रेस्क्यू अभियान की सराहना की उन्होंने कहा- युद्धकाल ही नहीं, शांति के समय भी सेना देश की सेवा में तत्पर रहती है। जिलाधिकारी बसीर हक के नेतृत्व में जिला प्रशासन भी लगातार काम कर रहा है। इधर, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने स्थिति का जायजा लेने रामबन का दौरा किया, वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जान-माल के नुकसान पर शोक जताते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने स्थानीय लोगों से बात की।
चश्मदीद की जुबानी पूरी घटना समझिए…

चश्मदीद ने बताया- तीन मंजिला होटल के दो फ्लोर मलबे में दब गए हैं। सिर्फ तीसरा फ्लोर ही दिख रहा है।
एक चश्मदीद ने बताया- जम्मू से श्रीनगर जाने के दौरान बारिश तेज हो गई तो मैंने रामबन मैं रुक गया। शनिवार रात करीब 10 बजे मैंने होटल में चेकइन किया। रात करीब 3 बजे शोर-शराबे के बीच मेरी नींद खुली। मैं होटल से नीचे आया तो देखा पानी तेजी से ऊपर की ओर भर रहा था।
नीचे का स्टाफ होटल छोड़कर भाग चुका था और हम सारे लोग फंस गए थे। चश्मदीद ने होटल की ओर इशारा करते हुए बताया कि यह होटल तीन मंजिला है। इसकी दो मंजिलें नीचे मलबे में दबी हुई हैं। यह तीसरी मंजिल दिख रही है। करीब 8-10 गाड़ियां नीचे दब गई हैं। मैंने 15 दिन पहले ही नई गाड़ी ली थी, वह भी मलबे में दबी है।
उस समय हम 15 लोग ऊपर फंसे थे। होटल का कुछ स्टाफ जो ऊपरी फ्लोर पर था, वह भी फंस गया था। सामने का रास्ता बंद हो गया था। किसी तरह हम सभी ने होटल के पीछे से निकलकर अपनी जान बचाई। चश्मदीद ने बताया
जम्मू-कश्मीर में तबाही की तस्वीरें…

रामबन इलाके में भूस्खलन के मलबे में फंसी गाड़ियां।

बनिहाल में बादल फटने से लोगों के घरों तक में मलबा घुस गया है।

बनिहाल का पूरा गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया। भारी तबाही हुई है।

किश्तवाड़ जिले में लैंडस्लाइड की वजह से रास्ता बंद हो गया।

रामबन एरिया के कई गांवों में पहाड़ों से पानी के साथ लगातार मलबा आ रहा है।

रामबन में नदी के किनारे बसा गांव पूरी तरह से तबाह हो गया।

किश्तवाड़-पद्दर मार्ग पर रामबन के पास लैंडस्लाइड से रास्ता बंद हो गया।

रामबन में पानी और मलबे की चपेट में आकर कई गाड़ियां बह गईं।
जम्मू कश्मीर में लैंडस्लाइड की 3 बड़ी घटनाएं…
1 मई, 2024ः कुपवाड़ा में लैंडस्लाइड-बाढ़ से 5 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 1 मई, 2024 को लैंडस्लाइड और बाढ़ से 5 लोगों की मौत हो गई। जम्मू क्षेत्र के डोडा, रियासी, किश्तवाड़, रामबन और कश्मीर के किश्तवाड़ सहित कई पहाड़ी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन हुआ। रामबन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन के बाद श्रीनगर-जम्मू बंद कर दिया गया।
30 अप्रैल, 2024ः रामबन में लैंडस्लाइड से एक की मौत

जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग के सरबल इलाके में एवलांच आया। माछिल में भारी बर्फबारी के चलते 12 से 15 इंच मोटी परत जम गई है। रामबन के करूल इलाके में 13 साल के एक लड़के की लैंडस्लाइड से मौत हो गई। वहीं, रामबन में लैंडस्लाइड से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद हो गया। पूरी खबर पढ़ें…
2 मार्च 2024ः जम्मू में लैंडस्लाइड, महिला और 3 बच्चों की मौत

जम्मू के रियासी में एक कच्चा मकान लैंडस्लाइड के कारण ढह गया। इसमें एक महिला और उसके 3 बच्चों की मौत हो गई। दो लोग घायल हो गए। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे लगातार दूसरे दिन बंद रहा। रामबन जिले के ढालवास इलाके में लैंडस्लाइड के कारण सड़क पर मलबा जमा हो गया। मुगल रोड पर को एवलांच हुआ। यहां फंसे 7 ट्रैकरों का मैकेनिकल विभाग ने रेस्क्यू किया गया। पूरी खबर पढ़ें…
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केरल के वायनाड में 29 जुलाई की देर रात अचानक तेज आवाज के साथ चट्टानें और जमीन धंसने लगी और मलबा गिरने लगा। इसकी चपेट में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव आ गए। इसमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं। 267 लोगों की मौत हो गई और कई लापता हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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