लिरिड उल्का बारिश क्या है?
Space.com का कहना है कि Lyrids वे अवशेष हैं जो एक धूमकेतु, जिसका नाम Comet Thatcher (C/1861 G1) है, से निकले हैं। यह कॉमेट हर 415 साल में सूरज का एक चक्कर पूरा करता है। धूमकेतु अपने पीछे धूल का एक गुबार छोड़ता जाता है। इसी गुबार से जब इसके टुकड़े तेज गति से गुजरते हुए पृथ्वी के वायुमंडल से टकराते हैं तो तेज रोशनी पैदा करते हैं।
किस दिन होगी लिरिड उल्का बारिश
NASA के अनुसार, यह उल्का बारिश 19 अप्रैल से शुरू हो जाएगी जब आसमान में रात के अंधरे में उल्का गिरतीं देखी जा सकेंगी। लेकिन यह शुरुआती दौर में धीमी रहेगी। फिर 21, 22 अप्रैल को यह अपने चरम पर होगी। 22 अप्रैल को सबसे ज्यादा उल्काएं गिरती देखी जा सकेंगी। सुबह के समय 3 बजे से 5 बजे तक यह नजारा देखा जा सकेगा। उल्का बारिश 29 अप्रैल तक चलेगी और फिर बंद हो जाएगी। लिरिड उल्का बारिश को सबसे पहले चीन में 687 B.C.E. में देखा गया था।
हर घंटे गिरेंगी सैकड़ों उल्काएं
नासा के अनुसार, लिरिड मीटिओर शॉवर के दौरान पीक समय में हर घंटे कम से कम 18 उल्काएं गिरतीं देखी जा सकती हैं। इनकी स्पीड 29 मील प्रतिघंटा तक होती है। कहा गया है कि इनकी अधिकतम संख्या प्रति घंटा 100 उल्काओं तक भी जा सकती है। ऐसा ही नजारा 1803 में वर्जीनिया में देखा गया था। इसके अलावा, 1922 में ग्रीस में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। जापान में ऐसी उल्का बारिश 1945, और अमेरिका में 1982 में देखने को मिली थी।
<!–
–>
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।