Pakistan International Airlines: पाकिस्तान के प्राधिकारियों ने सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) को बेचने के प्रयास पिछले साल विफल रहने के बाद इसकी बिक्री की नए सिरे से कोशिश करने का फैसला किया है. नकदी संकट से जूझ रही पीआईए के निजीकरण पर वर्षों से विचार किया जा रहा है और इसके लिए 2024 में बोली लगाई गई थी, लेकिन सरकार कोई बड़ा खरीददार आकर्षित करने में विफल रही.
पाकिस्तान को नहीं मिल रहा खरीददार
पाकिस्तान की सरकार ने कहा कि बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी ने मात्र 10 अरब रुपये की पेशकश की जिसे अस्वीकार कर दिया गया. निजीकरण और निवेश मंत्री अब्दुल अलीम खान ने पिछले महीने कहा था कि पीआईए के निजीकरण का काम मई 2025 तक कर लिया जाएगा. निजीकरण आयोग की बुधवार (16 अप्रैल 2025) को हुई बैठक में अगले हफ्ते से बिक्री प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष और निजीकरण पर प्रधानमंत्री के सलाहकार मोहम्मद अली ने की.
कई सालों से वित्तीय संकट से जूझ रहा PIA
बयान में कहा गया, ‘‘पीआईएसीएल के पृथक्करण के लिए रुचि की अभिव्यक्ति का एक नया विज्ञापन अगले हफ्ते प्रकाशित करने की योजना है.’’ इसमें कहा गया कि एजेंडे के शेष मदों पर विचार करने के लिए बैठक की जाएगी. पीआईए पिछले कई वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रही है. यह समस्या 2023 में तब सामने आई जब पीआईए के 7,000 कर्मचारियों को नवंबर 2023 का वेतन नहीं मिला. इससे पहले, यूरोपीय संघ ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण 2020 में पीआईए पर प्रतिबंध लगा दिया था.
आयोग ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीआईएसीएल) के 51 फीसदी से 100 फीसदी शेयरों के निजीकरण के लिए बोली लगाने को मंजूरी दे दी है. वित्त वर्ष 2024 के अनुसार पीआईए ने 3.9 अरब रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट और 2.26 अरब रुपये का नेट प्रॉफिट अर्जित किया. एयरलाइन 2011 में घाटे में चली गई थी और अरबों रुपये की सरकारी सब्सिडी पर चल रही थी.
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