RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार (8 अप्रैल, 2025 ) को 4 घंटे के लखीमपुर प्रवास पर रहे. इस दौरान वो जिले के गोला तहसील स्थित कबीरधाम आश्रम पहुंचे. चार घंटे के दौरे पर आए RSS चीफ ने आश्रम में संतों से मुलाकात की और सत्संग कार्यक्रम में भाग लिया. कबीरधाम आश्रम में अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने धर्म, कर्म और भारतीयता को जीवन का केंद्र बनाने की बात कही. सत्संग में मौजूद लोगों से उन्होंने समाज में आपसी संबंधों और आत्मकेंद्रित सोच पर भी अपने विचार साझा किए.
मोहन भागवत ने कहा, ‘अगर मेरा आपसे संबंध केवल स्वार्थ के लिए है तो वो रिश्ता स्थायी नहीं हो सकता. जब तक मेरे सुख में आपका हित है तभी मैं आपको महत्व दूंगा लेकिन जब आप मेरे स्वार्थ के आड़े आएंगे तो मैं आपको किनारे कर दूंगा’. उन्होंने आधुनिक जीवनशैली की प्रवृत्तियों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘आजकल लोग मानते हैं कि जब तक मैं हूं तब तक दुनिया है. जो कुछ इस जन्म में मिल सकता है उसे पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, चाहे गले काटने पड़ें या रिश्ते तोड़ने पड़ें’.
‘दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है’
मोहन भागवत ने कहा, ‘हम एक राष्ट्र हैं एक माता, भारत माता के पुत्र हैं. भाषा, प्रांत, उपासना और रीति-रिवाज भले ही अलग हों, लेकिन हम एक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय होने का मतलब केवल भारत में रहना नहीं, बल्कि उन मूल्यों को जीना है जिनके लिए भारत विश्व में जाना जाता है. आज दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है. लोग मानते हैं कि सुख और समाधान का रास्ता भारत से ही मिलेगा’.
‘भारत ने सिखाया सच्चा सुख किसमें’
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि पिछले 2000 सालों में दुनिया ने भौतिक सुख की खोज की लेकिन भारत ने सिखाया कि सच्चा सुख और संतोष आध्यात्मिकता में है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वो अपने जीवन में नैतिकता, सत्य और संतोष को अपनाएं ताकि भारत फिर से विश्व गुरु बन सके.
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