वॉशिंगटन28 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को फटकार लगाई है। ट्रम्प ने बुधवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जेलेंस्की अखबार के पहले पन्ने पर शेखी बघार रहे हैं कि ‘यूक्रेन कानूनी रूप से क्रीमिया पर कब्जे को मान्यता नहीं देगा।’
ट्रम्प ने कहा,

जेलेंस्की का यह बयान रूस के साथ शांति वार्ता के लिए बेहद हानिकारक है। क्रीमिया सालों पहले बराक ओबामा के कार्यकाल में गंवाया जा चुका था और अब वह कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है।
रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। हालांकि इस कब्जे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली। इसी को लेकर जेंलेस्की ने एक अमेरिकी अखबार से कहा था कि यूक्रेन, क्रीमिया पर रूसी कब्जे को मान्यता नहीं देगा।

पीस डील से बाहर आने की धमकी दे चुका है अमेरिका
अमेरिका जल्द ही खुद को रूस-यूक्रेन पीस डील से बाहर कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते 18 अप्रैल को रूस-यूक्रेन पीस डील से हटने की धमकी दी थी।
उन्होंने कहा था कि अगर रूस या यूक्रेन में से कोई एक भी डील के लिए तैयार नहीं होता है तो यह एक बेवकूफी भरा कदम होगा और हम पीस डील से बाहर आ जाएंगे।
ट्रम्प से पहले उसी दिन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि आने वाले दिनों में अगर रूस और यूक्रेन जंग को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो अमेरिका शांति के प्रयास छोड़ देगा।
डोनाल्ड ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल शुरू हुए लगभग 90 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान अमेरिका और रूस के बीच कई बार यूक्रेन जंग के समाधान पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन ट्रम्प प्रशासन को शांति कायम करने में कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है।
पेरिस दौरे से लौटते वक्त रुबियो ने कहा था कि

अगर यूक्रेन जंग को खत्म करना संभव नहीं है, तो अमेरिका को अगले कुछ दिनों में अपनी कोशिशें छोड़ देनी चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए।

रुबियो ने कहा कि अमेरिका जल्द ही यह तय करेगा कि यूक्रेन जंग को खत्म किया जा सकता है या नहीं। ट्रम्प प्रशासन आने वाले दिनों में इस पर फैसला लेगा।
जंग को रोकने के लिए अमेरिका ने पीस प्लान पेश किया
पिछले हफ्ते हुई इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियों और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पेरिस में यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं के साथ मुलाकात की थी। इस बैठक जंग को खत्म करने के लिए की जा रही ट्रम्प प्रशासन की कोशिश के तौर पर आयोजित किया गया।
इस बैठक में अमेरिका ने शांति के लिए एक प्लान पेश किया। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक इस प्लान को सभी पक्षों ने सराहा। हालांकि इस प्लान में क्या शामिल किया गया है, यह अभी सार्वजनिक नहीं किया गया।
बैठक के बाद रुबियो ने कहा कि वह ठोस समझौते के लिए पेरिस आए थे।

रुबियो ने यह भी कहा था कि अमेरिका पिछले तीन सालों से यूक्रेन की मदद कर रहा है और हम चाहते हैं कि यह जंग खत्म हो, लेकिन यह हमारी जंग नहीं है।
अमेरिका यूक्रेन में जल्द होगी खनिज डील
अमेरिका और यूकेन के बीच जल्द ही मिनरल डील या खनिज समझौता हो सकता है। 17 अप्रैल की रात को यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को ने बताया कि कीव और वॉशिंगटन के बीच डील को लेकर एक MOU पर दस्तखत हुए।
दरअसल अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में 350 बिलियन डॉलर के हथियार दिए हैं। ट्रम्प प्रशासन ने इस मदद के बदले यूक्रेन से कीमती खनिज देने की मांग की है।
इससे पहले 31 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर मिनरल डील से पलटने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि फरवरी में जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच सार्वजनिक बहस के चलते इस समझौते के पहले ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे।

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