वॉशिंगटन2 घंटे पहले
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इससे पहले पुतिन ने गुरुवार को सीजफायर पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार को यूक्रेन जंग रोकने को लेकर अच्छी बातचीत हुई उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ये जंग बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी। बातचीत के दौरान उन्होंने पुतिन से अपील की कि वे यूक्रेनी सैनिकों की जिंदगी बख्श दें।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, हमारी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बहुत अच्छी और सार्थक बातचीत हुई, और इस भयानक युद्ध के अंत की बहुत अच्छी संभावना है।
ट्रम्प ने आगे लिखा कि इस वक्त जो हजारों यूक्रेनी सैनिक पूरी तरह से रूसी सेना से घिरे हुए है, वो बहुत ही खराब और असुरक्षित स्थिति में हैं। मैंने राष्ट्रपति पुतिन से अपील की है कि इन सैनिकों की जान बख्शी जाए। यह एक नरसंहार होगा, जैसा कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद कभी नहीं देखा गया।

अमेरिका के राजदूत स्टीव विटकॉफ ने पुतिन के साथ बैठक की थी
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की तरफ से राजदूत स्टीव विटकॉफ ने गुरुवार रात मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन से लंबी बैठक की थी। ट्रुथ सोशल पोस्ट में यह नहीं बताया गया कि ट्रंप और पुतिन ने आपस में बात की या नहीं।
हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन ने इस बैठक में विटकॉफ के जरिए ट्रंप को संदेश भेजा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और अमेरिका मिलकर तय करेंगे कि उनके राष्ट्रपतियों के बीच फोन पर बातचीत कब होगी।
पुतिन ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प को थैंक्यू कहा
इससे पहले पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन से सीजफायर की बातचीत पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी थी। एक सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि रूस सीजफायर के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन इससे लंबे समय के लिए शांति कायम होनी चाहिए और और जंग की असल वजहों का समाधान होना चाहिए।
पुतिन ने जवाब देने से पहले सीजफायर पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद दिया। उन्होंने जंग के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई नेताओं का आभार भी जताया।
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन ने अमेरिका के दबाव में सीजफायर पर सहमति जताई है, जबकि मौजूदा हालात को देखते हुए उसे खुद ही अमेरिका से इस प्रस्ताव की मांग करनी चाहिए थी।

पुतिन गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे थे। लुकाशेंको रूस के दौरे पर हैं।
यूक्रेन 30 दिन के सीजफायर के लिए तैयार
जंग में सीजफायर को लेकर मंगलवार को सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में यूक्रेन ने 30 दिन के सीजफायर पर सहमति जताई है। अमेरिका इस प्लान को रूस के सामने पेश करना चाहता है। हालांकि रूस ने पहले किसी भी तरह के अस्थाई सीजफायर से इनकार किया था।
पुतिन ने कहा था

किसी भी अस्थाई सीजफायर से यूक्रेन की सेना को ही फायदा होगा। जंग के मैदान में पिछड़ रही यूक्रेनी सेना को इससे अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने और तैयारी करने में मदद मिलेगी।
रूस ने पश्चिमी देशों से एक व्यापक सुरक्षा समझौते की मांग की है। इसमें यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करने की गारंटी भी शामिल है। दिसंबर में पुतिन ने कहा था कि “हमें सीजफायर की नहीं शांति की आवश्यकता है। रूस और उसके नागरिकों को सुरक्षा गारंटी के साथ शांति चाहिए।”
रूस के 74 गांवों पर यूक्रेन ने कब्जा किया था
यूक्रेनी सेना ने अगस्त में रूस के कुर्स्क इलाके में 74 गांवों पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन के अचानक हमले के बाद दो लाख रूसी नागरिकों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा था।
यूक्रेन ने 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला शुरू किया था। उसने 13 अगस्त तक 1000 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था।
इसके बाद रूस ने पलटवार करते हुए कुर्स्क में यूक्रेन से 40% इलाका वापस छीनकर यहां 59 हजार सैनिक तैनात कर दिए।
अभी तक यूक्रेन का 20% हिस्सा रूसी कंट्रोल में
रूस युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन के लगभग 20% हिस्सा पर कब्जा कर चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।

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यूक्रेनी सेना ने पिछले साल अगस्त में रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला कर लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया था। रूसी सेना तबसे यूक्रेन को यहां से खदेड़ने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। रविवार को रूसी की स्पेशल फोर्स ने कुर्स्क में यूक्रेनी सेना पर हमला करने के लिए करीब 15 किमी एक गैस पाइपलाइन के अंदर पैदल सफर किया। पूरी खबर पढ़ें…