वॉशिंगटन DC11 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि ईरान अच्छी तरह जानता है कि अमेरिकी सेना क्या कर सकती है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बुधवार को ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यमन में हूती विद्रोहियों को समर्थन देने के लिए उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
हेगसेथ ने डोनाल्ड ट्रम्प का एक पुराना बयान भी रिट्वीट किया, जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि हूतियों की तरफ से किए गए किसी भी हमले के लिए ईरान को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
हेगसेथ ने X पोस्ट में कहा-

हम तुम्हारी (ईरान) तरफ से हूती विद्रोहियों को दिए जा रहे समर्थन को देख रहे हैं। हमें अच्छी तरह से पता है तुम क्या कर रहे हो। तुम भी अच्छी तरह जानते हो कि अमेरिकी सेना क्या कर सकती है, तुम्हें चेतावनी दी गई थी। अब तुम्हें हमारी तरफ से चुने गए वक्त और जगह पर इसका अंजाम भुगतना होगा।
अमेरिका की यह चेतावनी ऐसे वक्त पर आई है जब उसने हाल ही में उत्तरी यमन पर कंट्रोल रखने वाले हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य हमले तेज कर दिए हैं।
मार्च से अब तक अमेरिकी सेना ने हूती लड़ाकों के कंट्रोल वाली 1000 से ज्यादा जगहों को निशाना बनाया है। दूसरी तरफ हूती विद्रोहियों ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता का हवाला देते हुए रेड सी में कई शिपिंग जहाजों को निशाना बनाया है।

यमन के उत्तरी प्रांत सादा में सोमवार को अमेरिकी हमले में 68 लोगों की मौत हो गई थी। ये हमला अफ्रीकी प्रवासियों को रखने वाले एक डिटेंशन सेंटर पर किया गया था।

2 महीने पहले यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की यह तस्वीर अमेरिकी सेना ने जारी की थी।
ईरान का हूतियों को समर्थन देने से इनकार ईरान लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि वो हूती विद्रोहियों का सपोर्ट करता है। ईरान का कहना है कि हूती लड़ाके स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी कई बार यह बात कह चुके हैं कि ईरानी सेना हूती लड़ाकों को जरूरी सैन्य सहायता और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट देती है।
हूती विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहा अमेरिका
डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार 15 मार्च को अमेरिकी सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक की थी। हमले में 31 लोगों की मौत हुई। इनमें हूती विद्रोहियों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जबकि, 101 लोग घायल हुए।
इस स्ट्राइक के बारे में ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा था- हूती आतंकियों, तुम्हारा वक्त पूरा हो गया है। अमेरिका तुम पर आसमान से ऐसी तबाही बरसाएगा, जो पहले कभी नहीं देखी होगी।
इसके बाद से ही अमेरिका लगातार यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले कर रहा है। 10 दिन पहले की गई एयर स्ट्राइक में 74 लोगों की मौत हुई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
ये एयर स्ट्राइक एक तेल के पोर्ट रास ईसा पर हुई। US सेंट्रल कमांड ने इस स्ट्राइक की पुष्टि की थी, हालांकि उसने मरने वालों का सही आंकड़ा नहीं बताया।

हूती विद्रोहियों ने 2023 से अब तक अमेरिकी वॉरशिप पर 174 बार और कॉमर्शियल शिप पर 145 बार हमला किया है।
कौन हैं हूती विद्रोही
- साल 2014 में यमन में गृह युद्ध शुरू हुआ। इसकी जड़ शिया-सुन्नी विवाद है। कार्नेजी मिडिल ईस्ट सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों समुदायों में हमेशा से विवाद था जो 2011 में अरब क्रांति की शुरुआत से गृह युद्ध में बदल गया। 2014 में शिया विद्रोहियों ने सुन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
- इस सरकार का नेतृत्व राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हादी कर रहे थे। हादी ने अरब क्रांति के बाद लंबे समय से सत्ता पर काबिज पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह से फरवरी 2012 में सत्ता छीनी थी। हादी देश में बदलाव के बीच स्थिरता लाने के लिए जूझ रहे थे। उसी समय सेना दो फाड़ हो गई और अलगाववादी हूती दक्षिण में लामबंद हो गए।
- अरब देशों में दबदबा बनाने की होड़ में ईरान और सऊदी अरब भी इस गृह युद्ध में कूद पड़े। एक तरफ हूती विद्रोहियों को शिया बहुल देश ईरान का समर्थन मिला। तो सरकार को सुन्नी बहुल देश सऊदी अरब का।
- देखते ही देखते हूती के नाम से मशहूर विद्रोहियों ने देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2015 में हालात ये हो गए थे कि विद्रोहियों ने पूरी सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया था।
- ईरान से मिल रहे समर्थन की बदौलत हूती विद्रोही एक ट्रेंड लड़ाका दल में बदल चुके हैं। हूती विद्रोहियों के पास आधुनिक हथियार और यहां तक कि अपने हेलिकॉप्टर भी हैं।
—————————————
यह खबर भी पढ़ें…
यमन में अमेरिकी हमले में 68 की मौत, 47 घायल:अफ्रीकी प्रवासियों को रखने वाले डिटेंशन सेंटर पर एयर स्ट्राइक की

यमन के उत्तरी प्रांत सादा में सोमवार को अमेरिकी हमले में 68 लोगों की मौत हो गई है। ये हमला अफ्रीकी प्रवासियों को रखने वाले एक डिटेंशन सेंटर पर किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जेल में 115 कैदी थे, जिनमें से 47 घायल भी हुए हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…