Waqf Amendment Act Notification: देश में नया वक्फ कानून लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें कहा गया है कि आठ अप्रैल से पूरे देश में वक्फ अधिनियम को प्रभावी कर दिया गया है. बता दें, बीते सप्ताह संसद में लंबी चर्चा के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम पारित हुआ था, 5 अप्रैल को राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दी थी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि नया वक्फ कानून देश में कब से लागू होगा.
नए वक्फ अधिनियम में कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें सबसे विवादित संशोधन वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिमों को शामिल करना है. इसको लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है और मुस्लिम समाज के लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं, यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं डाली गई हैं. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि जिस तरह भारत में वक्फ कानून है, उसी तरह भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में कौन सा कानून है? इन दोनों देशों में ऐसी संपत्तियों का प्रबंधन कैसे होता है?
पाकिस्तान में वक्फ बोर्ड नहीं तो क्या?
1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए, उनकी संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड के पास है. इसी तरह पाकिस्तान में भी कई संपत्तियां थीं, जिनके प्रबंधन के लिए यहां भी एक विभाग बनाया गया. पाकिस्तान में वक्फ बोर्ड को ‘औकाफ विभाग’ कहा जाता है. पाकिस्तान सरकार ने 1960 में ऐसी संपत्तियों के प्रबंधन के लिए कदम उठाए और 1976 में ऐसी संपत्तियों का प्रबंधन अपने जिम्मे ले लिया और औकाफ विभाग की स्थापना की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, औकाफ विभाग के पास पूरे पाकिस्तान में 107369 एकड़ भूमि है. इसमें पंजाब प्रांत में 74,964 एकड़, सिंध प्रांत में 10,823 एकड़, खैबर पख्तूनख्वा में 8,138 एकड़, बलूचिस्तान में 2 एकड़ भूमि है.
बांग्लादेश में कौन करता है ऐसी संपत्तियों का प्रबंधन
भारत और पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में वक्फ बोर्ड है. यहां वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है. वक्फ बोर्ड ऐसी मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों की देखरेख करता है और दान, किराए या चंदे से आए फंड का इस्तेमाल परोपकार व धार्मिक कार्यों में लगाया जाता है.
यह भी पढ़ें: सऊदी अरब के वीजा बैन से भारतीयों पर कितना संकट, किन लोगों को होगी ज्यादा परेशानी?