Indian Army IBEX Brigade: उत्तराखंड के गढ़वाल सेक्टर के माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने की वजह से बड़ा हादसा हो गया. यहां बीआरओ कैंप में मौजूद 57 मजदूर बर्फ में दब गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, सेना के जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. भारतीय सेना की ओर से बताया गया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड को मैदान में उतारा गया है. इस ब्रिगेड ने तेजी से बचाव अभियान शुरू कर दिया है और 10 कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है.
सेना की ओर से कहा गया है कि अभी भी बर्फ में कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के बावजूद आईबेक्स ब्रिगेड बचाव अभियान चला रही है. अब सवाल यह है कि भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड क्या होती है? इसका काम क्या होता और यह किन मामलों में मदद करती है? आज हम यह सब जानेंगे.
बर्फीले इलाकों में करती है काम
आपने इंडियन आर्मी की कई ब्रिगेड के बारे में सुना होगा. हर ब्रिगेड का काम अलग-अलग होता है. इसी तरह भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड भी है, जो एक मात्र स्वतंत्र माउंटेन ब्रिगेड है. यह ब्रिगेड पर्वतीय क्षेत्रों में ऑपरेशन चलाने के लिए विशेष तौर पर ट्रेंड होती है. इस ब्रिगेड के जवानों की ट्रेनिंग ऐसी होती है कि किसी भी तरह की बर्फबारी का इनपर असर नहीं होता और विपरीत परिस्थितियों में भी ये जवान काम कर सकते हैं
बर्फबारी का इन पर नहीं होता असर
भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड गढ़वाल हिमालय में LOC की करीब 250 किलोमीटर तक रक्षा करती है. यह ब्रिगेड बर्फीले इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भी ट्रेंड होती है. इनकी तैनाती अमूमन 9000 फीट, 12000 फीट या फिर 15000 फीट पर होती है. एक ब्रिगेड में कई बटालियन होती हैं, एक बटालियन में 800 जवानों की तैनाती होती है. इस ब्रिगेड के जवान ज्यादातर सफेर रंग की वर्दी में तैनात होते हैं और इन्हें भारी बर्फबारी में नंगे बदन ट्रेनिंग दी जाती है, मौसम के अनुकूल इनका खानपान भी होता है.
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