Law In India For Bhang Ganja And Charas: भांग, चरस और गांजा ये ऐसे नाम हैं जो कि अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. कुछ साल पहले टीवी और बॉलीवुड सेलेब्स के साथ इसके रिश्ते पर जमकर बवाल मचा था. कोई गिरफ्तार हुआ तो किसी के घर छापेमारी हुई थी. लेकिन इसके बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर भांग, चरस और गांजा में से क्या रखने पर आपको जेल हो सकती है और भारत में क्या लीगल है और क्या नहीं. इस आर्टिकल में हम आपको इससे जुड़े कानून के बारे में बताने जा रहे हैं.
गांजा और भांग में अंतर
भांग और गांजा एक ही पौधे की प्रजाति से बनाए जाता हैं. इसमें नर प्रजाति से भांग बनाई जाती है और मादा प्रजाति से गांजा तैयार होता है. भले ही ये एक ही प्रजाति के पौधे से बनते हों, लेकिन इनका तरीका अलग-अलग होता है. गांजा कैनेबिस पौधे के फूल से तैयार किया जाता है. फिर इसे सुखाकर और जलाकर धुएं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जबकि भांग को कैनेबिस की पत्ती और बीजों से तैयार किया जाता है.
चरस क्या होती है?
चरस कैनेबिस के पौधे से निकले रेजिन से तैयार किया जाता है. रेजिन भी इसी पौधे का ही हिस्सा है, जो कि एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो कि पेड़ की डालियों पर लटकता हुआ पाया जाता है. इसे चरस के अलावा हैश और हशीश भी कहते हैं.
किस पर लगा बैन और कितनी मिल सकती है सजा
गांजा भारत में बैन है. अगर आप इसे अपने घर में रखते हैं या फिर पीते और बेचते हुए पाए जाते हैं तो कानूनन आपको सजा हो सकती है. या फिर आपके ऊपर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इस तरीके के मामलों में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट 1985 के तरत कार्रवाई की जाती है. एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई पर ड्रग्स की मात्रा को तीन भागों में बांटा जा चुका है. पहले नंबर पर स्मॉल क्वांटिटी, दूसरे पर मीडियम क्वांटिटी और तीसरे पर कॉमर्शियल क्वांटिटी. गांजे के लिए स्मॉल क्वांटिटी एक किलो से कम, मीडियम 20 किलो से कम और कॉमर्शियल 20 किलो से ज्यादा है. गांजे की खेती भी कॉमर्शियल में आती है. स्मॉल क्वांटिटी में गांजा पकड़े जाने पर एक साल की सजा और 10,000 तक का जुर्माना, मीडियम और कॉमर्शियल क्वालिटी के लिए 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान है.
चरस के लिए सजा की बात करें तो 100 ग्राम तक चरस पकड़ने पर एक साल की जेल या 10 साल की सजा. वहीं 100 ग्राम से 1 किलोग्राम तक चरस मिलने पर 10 साल की जेल और एक लाखा का जुर्माना, इसके अलावा 1 किलो से ज्यादा चरस पकड़े जाने पर 10-20 साल तक की सजा और एक से दो लाख का जुर्माना लग सकता है.
अब बारी आती है भांग की. भांग पर वैसे तो बैन नहीं है. इनको सरकारी दुकानों पर बेचा जाता है. इनकी दुकान के ठेके होते हैं, पक्का लाइसेंस होता है और टेंडर भी होता है. भांग को केनेबिस की परिभाषा से बाहर रखा गया है, क्योंकि इसकी पत्तियों और बीज को कानून के दायरे में नहीं लाया जाता है. इसलिए ये हाई ड्रग्स की श्रेणी में नहीं आती है और इसका बिकना आज भी जारी है.