नई दिल्ली2 घंटे पहले
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सुप्रीम कोर्ट में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई 3 हजार KG ड्रग्स मामले में सुनवाई हुई। आरोपी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार ने जमानत का याचिका लगाई थी। मामले में जुड़े एक आरोपी ने कोर्ट में कहा कि उसके बच्चों के स्कूल में परेशान किया जा रहा है। उन्हें ‘आतंकवादियों के बच्चे’ कहा जा रहा है।
आरोपी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार के मुताबिक ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उस पर आरोप लगाया है कि ड्रग्स केस का पैसा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भारत में हमलों के लिए कर रहा है।
आरोपी के मुताबिक बच्चों के इतना परेशान किया गया बच्चे अब स्कूल नहीं जा रहे हैं। यह मामला अखबारों और मीडिया में भी हैं। NIA ने बिना किसी सबूत के यह बयान दिया है। दरअसल, ड्रग्स मामले में आरोपी की जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान NIA अधिकारी ने कहा है कि ड्रग्स का पैसा पहलगाम हमले में किया गया है।
कोर्ट की सुनवाई…
बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मामले पर ध्यान दें। हम ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। आप अच्छी तरह जानते हैं कि क्या करना है।
आरोपी- यह खबर ज्यादातर अखबारों में छपी है। बच्चों को डराने वाले फोन आ रहे हैं, क्योंकि ड्रग्स की बरामदगी को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है।
SG मेहता- हमारी जांच से पता चला है कि ड्रग्स की बिक्री से मिले पैसे आतंकवादी गतिविधियों के लिए लश्कर-ए-तैयबा को दिया गया है। यही बात अखबारों में भी छपी है।
जज सूर्यकांत- यह सब अदालत में कही गई बातों के कारण है। यह NIA का मामला है और एजेंसी ने इसकी पूरी तरह से जांच भी नहीं की है। सभी को पता होना चाहिए कि टिप्पणियां निर्दोष लोगों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। यह विचारणीय मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे अनावश्यक रूप से न खींचा जाए। कभी-कभी वकील अपने मामलों पर बहस करते समय भावनाओं में बह जाते हैं। यह दोनों पक्षों में होता है।
ASG ऐश्वर्या भाटी- अदालत में दी गई दलीलों के कारण बच्चों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा है तो ED इसका ध्यान रख सकती हैं। ये संगठन के मुखौटे हैं, लेकिन आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों का खून भी इनके हाथों पर है।
2021 में DRI ने पकड़ी थी 21 हजार करोड़ की हेरोइन राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने सितंबर 2021 में कच्छ के मुंद्रा बंदरगाह पर कंटेनरों से लगभग 21,000 करोड़ रुपए की करीब 2,988 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। यह खेप आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पंजीकृत एक व्यापारिक कंपनी द्वारा सेमी प्रोसेस्ड टॉल्क स्टोन के रूप में आयात की गई थी। नशीला पदार्थ अफगानिस्तान मूल का बताया गया था और इसे ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से मुंद्रा पोर्ट भेजा गया था।